बता दें कि राज्य महिला आयोग द्वारा प्रदेश में महिला उत्पीड़न पर रोक लगायी जा रही है। उत्पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाये जाने के लिए महिला आयोग सक्रिय है। आयोग में आवेदक, आवेदिकाओं की सुगमता की दृष्टि से जिलाधिकारी द्वारा नामित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अथवा उनकी ओर से नामित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, महिला थानाध्यक्ष एवं संबंधित थाने के क्षेत्राधिकारी के साथ महिला उत्पीड़न की घटनाओं की समीक्षा और महिला सुनवाई का कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
समीक्षा करने पहुंचीं महिला आयोग की सदस्य शशि मौर्या की जनसुनवाई के दौरान दो मामले उनके सामने पेश हुए। इनमें से एक महिला अपनी बच्ची के साथ देवर के बेटे द्वारा बलात्कार किए जाने का आऱोप लगाते हुए न्याय के लिए पेश हुई। जबकी दूसरी महिला घरेलू हिंसा से परेशान हो कर न्याय की गुहार लगाया।
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