मामला मऊ जिले के खुखुन्दू गांव का है, जो कोपागंज ब्लॉक में पड़ता है। इस गांव में बुधवार को डीएम प्रकाश बिन्दु ने खुली चौपाल लगायी। चौपाल में डीएम के अलावा गांव से सम्बन्धित अधिकारी और ग्रामीण मौजूद थे। वहां लोग अपनी बात रख रहे थे। इसी दौरान डीएम प्रकाश बिन्दु ने स्कूली बच्चों को बुलाकर उनसे यह पूछना शुर किया कि वह अभी क्या पढ़ रहे हैं और क्या-क्या पढ़ चुके हैं।
जब उन्होंने सवाल करना शुरू किया तो बच्चों ने भी जवाब दिये। पर बच्चों ने जो जवाब दिये वह सुनकर जिलाधिकारी हैरान रह गए। डीएम को गुस्से से लाल-पीला होते देख खंड शिक्षा अधिकारी भी बेचैन हो गए। दरअसल स्कूल के बच्चों को ठीक से नहीं पढ़ाया जा रहा था। सो वह आसान से सवालों के सही जवाब नहीं दे पाए।
बच्चों के ठीक से न पढ़ पाने के चलते डीएम ने खंड शिक्षा अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि दे दी। बता दें कि गांव के इस प्राथमिक स्कूल में एक प्रिंसिपल, चार सहायक मास्टर और तीन अनुदेशक हैं, बावजूद इसके स्कूल की शिक्षा का क्या स्तर कितना खराब है इसकी पोल डीएम के सामने खुल ही गयी। इस पर जिलाधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारी को जमकर फटकार लगायी और स्कूल के शिक्षकों को सख्त आदेश दिया कि पहले खुद बच्चों की किताबें पढ़ें उसके बाद उन्हें पढ़ाएं।
इतना ही नहीं उन्होंने जिलाधिकारी ने से मौके पर ही स्पष्टीकरण मांगा तो उन्होंने माइक हाथ में लेकर पूरे गांव के सामने ही माफी मांगी। डीएम ने उनसे साफ-साफ पूछा कि आखिर स्कूल में शिक्षा का स्तर कब सुधरेगा। इस पर खंड शिक्षा अधिकारी ने मई तक का समय मांगा और कहा कि उन्हें माफ कर दिया जाए आगे से ऐसी गलती नहीं होगी।