दरअसल, पीएम मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर शौचालय बनाये जाने का काम जारी है। इस वित्तीय वर्ष में 1,30,000 हजार शौचालय बनाया जाना है। इसके लिए सरकार की तरफ से 34 करोड़ रुपये का बजट भेजा जा चुका है। इसी मामले में लापरवाही करने वाले जिले के 72 ग्राम प्रधानों और सेक्रेटरी को 90 जी के तहत नोटिस जारी किया गया है। सरकार महत्वपूर्ण योजना में लापरवाही करने के मामले में क्यू ना प्रधानी के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार को समाप्त कर दिया। जाए तो वहीं गांव के सेक्रेटरी की बर्खास्त करने के लिए भी नोटिस भेज दिया गया है। जिला प्रशासन की इस कार्रवाई से जनपद के ग्राम प्रधानों में खलबली मच गई है।
दरअसल, जिले में मोदी मिशन को पूरा करने में जिन ग्राम प्रधानों और सेक्रेटरी के द्वारा लापरवाही किया जा रहा है। ऐसे ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी पर जिला प्रशासन कार्रवाई में जुट गया है और उन्हें नोटिस भी जारी दिया है। 90 जी के अन्तर्गत जिला प्रशासन ने 72 ग्राम प्रधानों को चिन्हित किया है जिनके द्वारा लापरवाही किया जा रहा है, उनके खिलाफ में नोटिस जारी कर उनके वित्तीय अधिकार और प्रशासनिक अधिकारी को खत्म करने का नोटिस भेज दिया है। साथ ही उन गावों में तैनात सेक्रेटरी को भी उनकी बर्खास्तगी की नोटिस जारी कर दिया है। जिसके बाद 72 ग्राम प्रधानों की प्रधानी खतरे में आ गई है।
जानकारी के मुताबिक, मऊ में इस वित्तीय वर्ष 2017-2018 में कुल 1,30,000 हजार शौचालयों का निर्माण किया जाना है। इसके लिए सरकार की तरफ से 34 करोड़ रुपये के भारी भरकम बजट भी लाभार्थियों के खाते में भेजा जा चुका है। अपैल और मई महीने तक जिला प्रशासन ने 20,000 शौचालयों का निर्माण पूरा कर लिया है। साथ ही शौचलयो का निर्माण कार्य जारी है। इसके लिए जिला प्रशासन प्रतिदिन जिलाधिकारी के नेतृत्व में मीटिंग के माध्यम से शौचलय निर्माण कार्य से सम्बन्धिति अधिकारियों की मीटिंग स्वयं किया जा रहा है। जिसमें जनपद के सभी वीडियो, एडीओ, सेक्रेटरी, सफाई कर्मी सभी को मिशन मोड़ में लगाया गया है। जिले में इस वित्तीय वर्ष में 113 गावों को ओडीएफ किया गया है। अगले 50 दिनों में 100 गांव को ओडीएफ करने की तैयारी में जिला प्रशसान जुटा हुआ है।
452 में बने सिर्फ पांच शौचालय जिला प्रशासन भले ही पीएम के मिशन को पूरा करने में मिशन मोड़ लगा हुआ हो, लेकिन अभी गावों की तस्वीर कुछ और बया कर रही है। जिसका पड़ताल किया तो जिला प्रशासन की हकीकत भी सामने आ गया है। जिले के रतनपुरा ब्लॉक के पिन्डोहरी गांव में अभी तक शौचालयों की स्थित पूरी तरह से खराब है। किसी के घर पर पूरा शौचालय नहीं बना हुआ है। चारों तरफ गन्दगी है यहां तक गांव में स्थित प्राथमिक स्कूल में बना शौचलय भी अधूरा है उसके चारों तरफ गन्दगी और झाडियां उगी हुई हैं। 2000 आबादी वाले इस गांव में अभी तक पांच घरों में ही केवल सारकार के मिशन के तहत शौचलाय बने हुए हैं। इसके अलावा जिनके शौचलय बने हुए हुए हैं उनके अपने व्यक्तिगत प्रयास से ही बने हैं। गांव में कुछ 452 शौचालय बनाये जाने हैं जिसमें से अभी केवल पांच बने हुए हैं। गांव की रहने वाली महिलाएं बताती हैं, उनके ग्राम सभा में एक भी घर में शौचलाय नहीं बना हुआ है। घर की महिलाए बहूएं, बच्चियां खूले में शौच करती है। खुले में शौच करने में शर्मिन्दगी भी होती है, लेकिन क्या करे उनके पास कोई व्यवस्था नहीं है।
input विजय मिश्र