बतादें कि मेले में हिन्दी साहित्य, बाल, उर्दू और अंग्रेजी साहित्य सहित विभिन्न तरह की 25 हजार से अधिक पुस्तकें मेले के स्टालों की शोभा बढ़ा रही हैं। प्रकाशकों की तरफ से खरीदारों को आकर्षित करने के लिए डिस्काउंट स्कीम भी लागू की गयी है। इसके अलावा जनपद के ललित कला अकादमी की पोर्टफोलियो, मोनोग्राम आदि को शामिल किया गया।
साहित्य अकादमी नई दिल्ली के स्टाल पर हिन्दी कहानी संग्रह, बाबरनामा, बाल साहित्य सहित विभिन्न तरह की पुस्तकें शामिल हैं। इस दौरान डीएफओ संजय विशवाल ने बताया कि पुस्तक मेले के साथ ही लोगों को किताबों से जुड़कर पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
साथ ही यातायात के प्रति भी लोगों को सजग किया जा रहा है। पुस्तक मेले के आयोजक राजीव रंजन ने बताया कि साहित्यकारों और लेखकों की पुस्तकों से जुङकर ही हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर की पहचान कर युवाओं के भविष्य का उत्थान कर सकते है। जितनी भी पुरानी किताबें है, उसमें अन्तर ज्ञान, तहजीब और संस्कार छुपा है। इसी उद्देश्य से छात्रों के साथ ही जनपद वासियों के लिए पुस्तक मेले का आयोजन किया गया है। जिसमें आकर लोगों को ज्ञान लेने की अपील की जा रही है।