मुन्ना बजरंगी हत्याकांड का सच आया सामने, फारेसिंक जांच में झूठी साबित हुई पुलिस और सुनील राठी की कहानी पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, बच्ची का शव बागपत के खेकड़ा थाना क्षेत्र में एक बोरे में मिला था। बच्ची के पिता ने बताया कि बुधवार को दोपहर करीब तीन बजे उनकी 10 वर्षीय बेटी अपनी बड़ी बहन के साथ दुकान पर सामान लेने के लिए गई थी, लेकिन दुकान बंद होने के कारण बड़ी बहन ने उसे घर भेज दिया और वह खुद ट्यूशन के लिए चली गई, लेकिन छोटी बेटी घर नहीं पहुंची। शाम तक बच्ची की तलाश की गई, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका। इसके बाद परिजनों ने थाना खेकड़ा में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
यूपी में फिर भड़की हिंसा, दो पक्षों में पथराव के बाद मची भगदड़, 4 महिलाओं समेत दर्जनभर घायल गुरुवार को पुलिस ने गहनता से छानबीन शुरू की, लेकिन उनको कोई सफलता हाथ नहीं लगी। देर शाम बच्ची का शव एक बोरे में मिला। बच्ची के हाथ-पैर बंधे थे। मासूम की हत्या का पता चलते ही परिजनों में हाहाकार मच गया। कस्बे में यह बात आग की तरह फैल गई और घटना स्थल पर भीड़ बढ़ने लगी। पुलिस ने आनन-फानन में बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और पूछताछ में जुट गई। बच्ची के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं। आशंका जताई जा रही है कि बच्ची की गला दबाकर हत्या की गई है। मौके पर पहुंचे एसपी शेलेष कुमार का कहना है कि हत्या करने वाले को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। जांच शुरू कर दी गई है। साथ ही घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाला जा रहा है।
भूसे के ढेर में से अचानक निकलने लगे करोड़ों रुपये, गेहूं में हाथ डाला तो मिले करोड़ों के जेवरात वहीं परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया है। परिजनों का कहना है कि समय रहते पुलिस कार्रवाई करती तो आज उनकी बेटी जिंदा होती। पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही बच्ची का शव घर पहुंचा तो कार्रवाई की मांग को लेकर परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से किया इनकार कर दिया। इस बीच उनकी पुलिस प्रशासन के साथ नोक-झोंक भी हुई। हालांकि पुलिस की समझाइश के बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए तैयार हो गए हैं।