महानगर के थोक दवा बाजार खैरनगर से मेरठ ही पूरे पश्चिमी यूूपी में दवाओं की सप्लाई होती है। यहां से दूसरे जिलों के विक्रेता दवाइयां खरीदकर ले जाते हैं। पिछले 20 दिनों में बुखार की दवाओं की मांग बढ़ गई है। सबसे ज्यादा मांग बुखार में दी जाने वाली सीरप और ड्राॅप की है। 15 दिन से 10 हजार सीरप की हर रोज बिक्री हो रही है। इसकी मांग अभी धीरे-धीरे बढ़ रही है। वहीं, एंटीबायोटिक और उल्टी रोकने की दवाओं की मांग भी बढ़ गई है। ड्रग एंड कैमिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री रजनीश कौशल ने बताया बुखार के मरीज बढ़ने से दवाओं की मांग बढ़ी है, लेकिन इसकी कमी नहीं है। एमआरपी से अधिक रेट पर कोई दवा की बिक्री करता है तो एसोसिएशन खुद ही ऐसे विक्रेताओं खिलाफ कार्रवाई करेगी।
यह भी पढ़ेेंं- एक घंटे के भीतर महिला को वैक्सीन की डबल डोज लगाने का आरोप, तबियत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती शास्त्रीनगर स्थित मेरठ मेडिकल स्टोर के संचालक सुधीर ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में बुखार सहित अन्य दवाओं का स्टॉक कर लिया था। पिछले 15 दिन में बुखार की दवाओं की मांग बढ़ रही है। इनमें सीरप की मांग सर्वाधिक हो गई है, इससे स्टाक खत्म हो गया है। नए आर्डर कंपनी को भेजे हैं। उन्होंने बताया कि पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक और उल्टी रोकने के दवाओं की मांगों में तेजी है। हर तीसरे पर्चे में पैरासीटामोल लिखी आ रही है।