Highlights- दो सप्ताह में गन्ना किसानों के भुगतान का दावा हवा- 2019-20 का भी मेरठ मंडल की मिलों पर 557 करोड रुपये शेष- मिलों को नोटिस भेज गन्ना विभाग ने झाड़ा पल्ला
File Photo of Ganna Kisan in Uttar Pradesh
मेरठ. दो सप्ताह में गन्ना किसानों के भुगतान का दावा मेरठ मंडल की चीनी मिलों ने हवा में उड़ा दिया है। इसका असर न तो चीनी मिलों पर पड़ रहा है और न गन्ना विभाग पर, लेकिन किसानों के भीतर आक्रोश की चिंगारी सुलग रही है। हालात यह है कि वर्तमान में मेरठ मंडल की चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का करीब 1364 करोड़ रुपया बकाया है। गन्ना विभाग को भी इसकी कोई चिंता नहीं है।
यह भी पढ़ें- आरक्षण पर टिकी सबकी नजरें, इस बार इतनी जगह होंगे ग्राम प्रधान के चुनाव गन्ना किसानों का भुगतान समय पर नहीं हो पाने के कारण अगली फसलों को तैयार करने में परेशानी आ रही है। फसलों में लागत के लिए किसान को पैसा चाहिए और उनका रुपया गन्ना मिलों में फंसा हुआ है। इससे किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले पेराई सत्र 2019-20 में जहां मेरठ मंडल में 557 करोड़ का गन्ना मूल्य शेष है। वहीं, चालू पेराई सत्र 2020-21 में अभी तक केवल 20 फीसद गन्ना भुगतान ही चीनी मिलों ने किया है। मेरठ जिले में 27 फीसदी के साथ 613 करोड़ का भुगतान हुआ है। मेरठ मंडल में अभी तक 1718 करोड़ का गन्ना चीनी मिलों के पास पहुंच चुका है, जिसमें केवल 354 करोड़ का भुगतान हो सका है। मेरठ मंडल में गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर 1364 करोड़ गन्ना मूल्य शेष हो गया है।
मेरठ मंडल की चीनी मिलों पर पिछले पेराई सत्र 2019-20 के अंतर्गत किसानों का 557.51 करोड़ का भुगतान शेष है। इसमें मेरठ की छह चीनी मिलों में मवाना, दौराला, नंगलामल, सकौती व मोहिद्दीनपुर पूर्ण भुगतान कर चुकी हैं। जबकि किनौनी चीनी मिल पर 59.11 करोड़ का भुगतान शेष है। इसके अलावा मंडल पर नजर डाली जाए तो मोदीनगर, सिंभावली, ब्रजनाथपुर, बागपत व मलकपुर भुगतान के मामले में पीछे चल रही हैं।