हुआ तेज धमाका और भागे किचन की ओर:- डा. मुक्ति के अनुसार वे अपनी मां और बहनों के साथ पहले गेट वे आफ इंडिया गईं थी। उसके बाद होटल ताज में डिनर खाने का प्रोग्राम तय हुआ। होटल ताज में वह अपनी मां और बहनों के साथ स्नेक्स का मजा ले रही थीं। इसी दौरान बाहर से गोलियां चलने की आवाजें आनी लगी और तेज धमाका हुआ। इसके बाद चारों ओर अफरा-तफरी मच गई। धुंए का गुबार और लोगों की चींख पुकार के बीच वे अपनी मां और बहनों के साथ किचन की ओर भागीं। वहां पर उन्होंने टेबल के नीचे छिपकर अपनी जान बचाई। उन्होंने बताया कि दो लोग गोलियां चलाते हुए किचन की ओर आए और किसी को न पाकर ऊपर मंजिल की ओर चले गए।
चारों ओर अंधेरा और उर्दू में बात कर रहे थे आतंकी:- उन्होंने बताया कि होटल ताज में पूरी तरह से अंधेरा हो गया। कुछ लोग उर्दू में बात कर रहे थे। दो लोगों के हाथ में गन थी और उनके कमर पर काले रंग के बैग टगे हुए थे। उन्होंने कहा कि ताज होटल के आसपास का नेटवर्क जाम कर दिया गया था। हमले के दस मिनट के भीतर ही पुलिस और एटीएस ने पूरे होटल को घेर लिया था। रात में दो बजे वो लोग कमांडो के आने पर सुरक्षित निकल सके।