यह भी पढ़ें- बच्चों की स्कूल फीस को लेकर अभिभावकों के लिए बड़ी राहतभरी खबर, जारी हुए ये आदेश इसके बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) को भी सुपर इंपोज प्लान जिला प्रशासन द्वारा भेजा जा चुका है। एएआई ने उसकी जांच की जिम्मेदारी प्लानिंग सेक्शन को सौंपी थी। अब प्लानिंग सेक्शन अगर उस प्लान पर अपनी मुहर लगा देता है तो मेरठ से प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी के लिए 72 सीटर विमान उड़ान भर पाएंगे। इस प्लान में सरकार के पास कितनी जमीन उपलब्ध है। इसके अलावा कितनी जमीन वन विभाग, एमडीए व अन्य सरकारी विभागों की है तथा किसानों की कितनी जमीन लेने की जरूरत होगी। इसकी रिपोर्ट तैयार की गई थी। शासन से रिपोर्ट को अनुमति मिलने के बाद एएआई को भेजी गई थी, जिससे जमीन की उपलब्धता पर पूरा ड्राफ्ट तैयार हो सके।
2.5 किमी लंबे रनवे की जरूरत अभी मौके पर हवाई पट्टी 120 मीटर चौड़ी है। इसे 200 मीटर चौड़ा और 2.5 किलोमीटर लंबा बनाना होगा। वहीं, जो सुपर इंपोज प्लान तैयार किया गया है उसमें यही रिपोर्ट दी गई है कि एमडीए, वन विभाग की जमीनों से यह काम पूरा हो सकता है। वहीं, कुछ जमीन किसानों से ली जा सकती है। बता दें कि रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत मेरठ में हवाई उड़ान की संभावनाओं में तेजी आई थी। एएआई ने मेरठ सहित देश के 134 हवाई रूटों पर उड़ान के लिए कंपनियों से प्रस्ताव मांगे थे, जिसमें मेरठ-लखनऊ-इलाहाबाद के लिए गुरुग्राम की एयरलाइंस कंपनी जूम एयर ने सिंगल बोली लगाई थी।