यह भी पढ़ें- मेनका गांधी का सुलतानपुर को गिफ्ट, आक्सीजन प्लांट लगाने का काम शुरू, ट्राइडेंट को मिली जिम्मेदारी, भूमि का हुआ चयन रिटायर्ड अधिकारी को डिलीट करना पड़ा मैसेज केपी मिश्रा आरटीओ विभाग से रिटायर्ड अधिकारी हैं। उनके पास ये मैसेज आया तो उन्होंने इस मैसेज को अपनी पोस्ट पर डाल दिया। इसके बाद केपी मिश्रा के पास फोन आने शुरू हो गए। अधिकांश लोगों का कहना था, जो मोबाइल संपर्क के लिए दिया है उस पर कोई उत्तर नहीं मिल रहा है। केपी मिश्रा ने जब हकीकत का पता किया तो उनको इसकी जानकारी हुई और पोस्ट को हटा लिया। केपी मिश्रा का कहना है कि सोशल मीडिया पर ‘इनके माता-पिता की कोरोना से मृत्यु हो गई है, आपसे अनुरोध है कि गोद लेकर इन बच्चों को जीवन दान दें। इस संदेश को फैलाने में मदद करें’ इस तरह के मैसेज वायरल हो रहे हैं। इस मैसेज को पढ़ने के बाद कोई उसकी सत्यता जानने के बजाए नेक काम समझकर उसको वायरल करने लगता है, लेकिन मैसेज वायरल करने वाला यह नहीं समझ पाता है।
आए मैसेज तो हो जाए सावधान गोद लेने के लिए मैसेज सोशल मीडिया पर या फिर अन्य माध्यम से कोई दे तो सावधान हो जाएं। क्योंकि यह मैसेज आपको बच्चा गोद दिलाने के नाम पर मुसीबत में डाल सकते हैं। बच्चा गोद दिलाने के नाम पर दिए मोबाइल नम्बर पर कॉल करने से साइबर अपराधी अपने जाल में फंसाकर रुपए ऐंठ सकते हैं।