scriptजिला कमेटियां भंग होने के बाद निष्क्रिय कांग्रेसियों में जोश, शुरू कर दिया ये काम | After dissolution district committees new stream in Congress leaders | Patrika News

जिला कमेटियां भंग होने के बाद निष्क्रिय कांग्रेसियों में जोश, शुरू कर दिया ये काम

locationमेरठPublished: Jun 25, 2019 12:58:46 pm

Submitted by:

sanjay sharma

खास बातें

लोक सभा चुनाव 2019 में पराजय के बाद कांग्रेसी हुए सक्रिय
मेरठ लोक सभा चुनाव के इतिहास में सबसे ज्यादा चुनाव जीते
आपसी खींचतान में कांग्रेस का बुरा हाल, अब भाजपा का कब्जा

meerut

जिला कमेटियां भंग होने के बाद निष्क्रिय कांग्रेसियों में जोश, शुरू कर दिया ये काम

केपी त्रिपाठी, मेरठ। जिला कमेटियों के भंग होने से निष्क्रिय कांग्रेसी सक्रिय हो गए हैं। जिला और महानगर अध्यक्ष की दौड़ में लगे कांग्रेसियों ने लखनऊ और दिल्ली की दौड़ शुरू कर दी है। प्रदेश में कांग्रेस ने अपनी सभी जिला कमेटियों को भंग कर दिया है। इसके साथ ही प्रदेश की उन सभी विधानसभा सीटों पर जहां उपचुनाव होने हैं, वहां पर पार्टी ने दो सदस्यीय कमेटी गठित कर दी। बहरहाल, पार्टी का यह फैसला लोकसभा चुनाव के बाद देर से ही सही, लेकिन आया तो। जिलों में कमेटियों के बीच बढ़ रही अनुशासनहीनता और गुटबाजी के चलते यह फैसला लिया गया।
यह भी पढ़ेंः Patrika News@10 AM: पुलिस ने मुठभेड़ में 1 लाख के इनामी बदमाश को किया ढेर, एक क्लिक में पढ़ें वेस्‍ट यूपी की 5 बड़ी खबरें

गुटबाजी के कारण हुर्इ एेसी हालत

मेरठ में काफी लंबे समय से जिला कमेटी और महानगर कमेटी में गुटबाजी चली आ रही है। गुटबाजी भी ऐसी कि जिसने गत दिनों हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी की लुटिया ही डुबो दी। यह गुटबाजी मेरठ दौरे में आई कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी और पश्चिम उप्र प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने भी खुलकर सामने आई थी, लेकिन चुनावी समय होने के कारण दोनों नेताओं ने कोई एक्शन नहीं लिया था। बता दें कि एक समय था जब कांग्रेस की इस जिले में तूती बोलती थी। आज गुटबाजी के चलते कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने ही इस जिले से कांग्रेस की जड़ को ऐसा हिलाया कि आज मेरठ ही नहीं, पश्चिम उप्र में भी कांग्रेस का कोई किस्सा नजर नहीं आता। मेरठ में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे दिनेश मोगा ने अपनी ताजपोश के बाद से कोई बैठक नहीं बुलाई। यही हाल महानगर अध्यक्ष कृष्ण कुमार किशनी का भी रहा था। प्रदेश सरकार को घेरने के मिले मौके भी कांग्रेसियों ने गुटबाजी के चलते खो दिए।
यह भी पढ़ेंः एक के बाद एक एनकाउंटर से बदमाश पस्त, 12 घंटे में 4 एनकाउंटर, यूपी पुलिस ने एक लाख के इनामी को किया ढेर

meerut
सर्वाधिक चुनाव जीतने का रिकार्ड

मेरठ लोकसभा सीट का इतिहास कांग्रेस के लिए काफी रोचक रहा है। यहां अभी तक सबसे अधिक सात बार चुनाव जीतने का रिकार्ड कांग्रेस के नाम है। तीन बार से इस सीट पर भाजपा लगातार जीत दर्ज कर रही है। वर्ष 1989 के बाद से तो यहां के मतदाताओं ने कांग्रेस का हाथ ही छोड़ दिया। नतीजा यह सीट ऐसी फिसली कि फिर से उसके पास नहीं आई। भाजपा अब तक इस सीट पर पांच बार जीत हासिल कर चुकी है। लोक सभा चुनाव 2019 में भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल ही चुनाव जीते। कांग्रेस ने हरेंद्र अग्रवाल को मैदान में उतारा था, लेकिन हरेंद्र पार्टी की गुटबाजी के चलते चुनाव हार गए। इसके बाद वर्ष 1998 में भी ठाकुर अमरपाल ने ही जीत हासिल की थी। वर्ष 1999 में जरूर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े अवतार सिंह ने गुर्जर वोटों के साथ मुस्लिम समीकरण जोड़ कर जीत हासिल करने में सफलता पाई थी।
यह भी पढ़ेंः Video यूपी में सपा-बसपा गठबंधन का सबसे बड़ा नुकसान मुस्लिम लीडरशिप काे हुआ: इमरान मसूद

बिगड़ती चली गई स्थिति

इसके बाद से इस जिले में पार्टी की हालत गुटों में बंटे पदाधिकारियों के कारण खराब होती चली गई। आज जिला कमेटी भंग करने के बाद पद पाने के लिए जिले के दिग्गज नेता दिल्ली और लखनऊ की ओर कूच कर गए। बता दें कि आने वाले दिनों में पंचायत चुनाव की तैयारियों में सभी दल जुटे हुए हैं। भाजपा ने पंचायत चुनाव में सक्रिय होकर अन्य दलों को भी इस चुनाव में मजबूती से भाग लेने के लिए मजबूर कर दिया है। बता दें कि भाजपा संगठन इन दिनों गुपचुप तरीके से पंचायत चुनाव की तैयारियों मेें लगा हुआ हैं। हालांकि इससे पहले पंचायत चुनाव को राजनैतिक दलों ने गंभीरता से नहीं लिया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो