उन्होंने आगे कहा कि अब बात आ जाएगी गाय-भैंस की। गाय हमारी तो माता हैं, गांव-देहात में रहने वालों की सबसे ज्यादा गाये हैं। गाय-भैंस की बात करने वाले, टीवी की डिबेट में बोलने वाले आैर पैसे वाले जरा एक गाय-भैंस पालकर दिखा दें, तब पता चल जाएगा। खासकर तब जब दूध नहीं दे रही हो। गाय की एक बार की सानी यानि चारा नहीं कर पाएंगे। दूसरी जगह से पूंछ भिगोकर मारेगी। इस पर आंगनबाड़ी कर्मचारियों ने भी हामी भरी। बता दें कि सपा नेता अतुल प्रधान कलेक्ट्रेट में आंगनबाड़ी कर्मचारियों के चल रहे आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे थे। अतुल प्रधान यहां पर जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह व अन्य कार्यकर्ताआें के साथ पहुंचे थे।
शिक्षा मित्रों पर यह कहा
सरधना विधायक संगीत सोम के धुर विरोधी अतुल प्रधान ने आंगनबाड़ी कर्मचारियों से कहा कि तुम्हारा आंदाेलन मानदेय बढ़ाने को लेकर है, लेकिन एक लाख 75 हजार शिक्षा मित्रों की तो नौकरी ही खत्म हो गर्इ। प्रदेश सरकार ने उनके लिए कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी, तब आंगनबाड़ी कर्मचारियों से बहुत बड़ी बातें की थी। लेकिन, अब सत्ता में आ गर्इ है तो उससे छोटी बात ही कर लें, ताकि आंदोलनकारी महिलाआें को थोड़ी राहत मिल जाए। अखिलेश यादव के इस खास सिपाही ने आंगनबाड़ी कर्मचारियों से कहा कि वह उन्हें समर्थन देने आए हैं आैर वे अपना आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से चलाएं।