यह भी पढ़ेंः
15 किलोमीटर तक सड़क पर फैला था खून, देखने वालों की कांप गई रूह, देखें वीडियो भाकियू भानू गुट के पश्चिम उप्र अध्यक्ष राजीव अघाना ने कहा कि प्रदेश में चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र में बिजली की दरों में 50 प्रतिशत कमी का दावा किया गया था, लेकिन यूपी में सरकार बनने के बाद से ही सरकार अपने वादे से पीछे हट रही है। उन्होंने बताया कि सरकार बिजली के दामों में बढ़ोतरी करने जा रही है, जबकि किसान की कमर पहले से ही बाढ़ से टूटी हुई हैं। जिससे किसान परेशान हैं और आत्महत्या करने पर मजबूर है। सरकार बिजली की दरों को बढ़ाने जा रही हैं, जिससे एक बार फिर किसानों की परेशानियों मे इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि किसान पहले से ही बिजली बिलों को जमा नहीं कर पा रहा है। ऊपर से बिजली की बढ़ी दरों से आए बिलों को कहां से भरेगा।
यह भी पढ़ेंः
भाजपा नेता के रिश्तेदारों के घर से अवैध शराब का जखीरा पकड़ा, देखें वीडियो भाकियू के अन्य नेताओं ने कहा कि किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम नहीं मिलने के कारण किसानों पर कर्ज का भार है, जो बढ़ता ही जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों के अत्यधिक परिश्रम के बावजूद भी उनका जीवन समस्याओं से ग्रसित है और वह आत्महत्या कर रहा है। वहीं गन्ने का अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। जिससे यूपी सरकार के विद्युत विभाग द्वारा किसानों के उत्पीडऩ से विकराल समस्या उत्पन्न हो रही है।
जिला अध्यक्ष ने कहा कि सरकार कर्ज माफी की बात करती है, लेकिन यह सब बस एक दिखावा है। सरकार सिर्फ किसानों को ठगने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बिजली को ग्रामीण दरों को कम किया जाए अन्यथा मजबूर होकर यूपी के किसान बिजली कनेक्शन काट कर अपने-अपने खेतों से खंबे हटाओ आंदोलन चलाने को बाध्य होंगे। जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि यह धरना मात्र चेतावनी स्वरूप है। मांगें नहीं मानने पर हम ऊर्जा भवन पर लालटेन टांग देंगे और फिर अनिश्चितकालीन धरना देंगे।
UP News से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Uttar Pradesh
Facebook पर Like करें, Follow करें
Twitter पर ..