बता दे कि कंकरखेड़ा निवासी युवक प्रिंस पर गत 22 सितंबर को कुछ युवकों ने हमला कर दिया था। हमलावरों की पिटाई के दौरान वह बुरी तरह से घायल हो गया था और कोमा में चला गया था। उसे गंभीर हालत में नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां पर बीती रात उसकी मौत हो गई। पहले से नामजद जानलेवा हमले के मुकदमे में पुलिस अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई। जिसके बाद मृतक प्रिंस के रिश्तेदार और कॉलोनी वासियों ने रविवार को थाने का घेराव कर हंगामा किया।
आक्रोशित लोगों ने इस दौरान पुलिस प्रशासन खिलाफ नारेबाजी की। थाने के बाहर जाम लगा दिया। जाम लगाने के बाद सड़क पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। पुलिस मूकदर्शक बनी रही और भीड़ को समझाने का प्रयास करती रही। हाइड्रिल कॉलोनी के लोगों का कहना है कि वैभव यादव उर्फ प्रिंस पुत्र स्वर्गीय राजेंद्र यादव को 22 सितंबर की सुबह कई युवकों ने लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटा था। उसी दिन दोपहर 12:00 बजे प्रिंस ने थाने पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ जानलेवा हमले की तहरीर दी थी। पुलिस ने प्रिंस का मेडिकल नहीं कराया और न ही उसकी प्राथमिकी दर्ज की। 22 सितंबर की रात 8:00 बजे प्रिंस अपने घर से डॉक्टर के पास जा रहा था। हमलावरों ने उसे रोका और बुरी तरह पीटा। हमलावरों से बचने के लिए प्रिंस ने बाइक से भागने का प्रयास किया और वह डिवाइडर से टकराकर गिर गया जिसके बाद प्रिंस कोमा में चला गया था।
24 सितंबर की रात में स्वजन अधिकारियों से मिले उसके बाद मुकदमा दर्ज हुआ। मगर पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई। अस्पताल में जहां उपचार के दौरान शनिवार की देर रात प्रिन्स की मौत हो गई। 22 सितंबर से अब तक एक भी आरोपी की गिरफ्तारी न होने से गुस्साई भीड़ ने रविवार को कंकरखेडा थाने का घेराव कर दिया। पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की गई। उसके बाद भीड़ थाने के बाहर पहुंच गई और सड़क जाम कर दी। यहां पर काफी देर तक हंगामा चला। सीओ दौराला संजीव कुमार दीक्षित ने जाम लगा रही भीड़ की बात सुनकर आश्वासन दिया कि वह 12 घंटे के भीतर आरोपितों की गिरफ्तारी कर सख्त कार्रवाई करेंगे। इसके बाद लोगों ने जाम खोल दिया।