केंद्रीय सेवाओं के साथ ही हरियाणा में जाटों को आरक्षण की मांग को लेकर अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति लंबे समय से संघर्ष कर रही है। यूपीए सरकार में वर्ष 2014 को दिए गए केंद्रीय सेवाओं में आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने जाट समाज के प्रतिनिधि को नए सिरे से आरक्षण दिलाने की प्रक्रिया शुरू कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन उसके बाद कुछ नहीं हो सका। कोविड-19 के चलते आंदोलन ठप था। लेकिन अब जाट समुदाय के लोग आरक्षण को लेकर फिर से रण में उतरने की तैयारी में हैं। पहले कोविड—19 और फिर बाद में किसान आंदोलन की वजह से आरक्षण के लिए आंदोलन रूक गया था। जिसके अब फिर से धार देने के लिए अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति तैयारी शुरू कर दी।
जाट आरक्षण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने प्रेस कांफ्रेंस कर यह जानकारी दी कि मंगलवार को जाट आरक्षण के लिए आंदोलन की घोषणा मेरठ से की जाएगी। वहीं समिति जिलाध्यक्ष धर्मपाल सदर ने बताया कि पिछले कई साल से ठंडे बस्ते में पड़े जाट आरक्षण की लड़ाई को फिर से तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी तक केंद्र सरकार ने इस मामले में अपना वादा पूरा नहीं किया।