यूपी के बिजनौर में खुदाई के दौरान मिले ब्रिटिश काल के सिक्के
पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह सैनिक छावनियों के आसपास सेना से जु़ड़े फर्जी कागजातों को लंबे समय से बनाने का काम कर रहा था। छावनी स्थित सेना की मिलिट्री इंटेलिजेंस टीम ने सिविलियन के लिए सेना के फर्जी पेंशनर कागजात बनाने वाला गिरोह को देहरादून से पकड़ा है। मिलिट्री इंटेलिजेंस टीम ने पांच लोगों को पकड़ कर एसटीएफ ( UP ATS )के हवाले किया। प्रारंभिक जांच के बाद दो लोगों को छोड़ दिया गया और तीन को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार लोगों में रघुवीर सिंह, विक्की थापा और भैरवतदत्त कोटनाला शामिल हैं। इनके पास से काफी अधिक मात्रा में पूर्व सैनिकों के फर्जी कागजात और आर्मी रबर स्टैंप मिले हैं, जिससे यह लोग फर्जी कागजात बनाया करते थे।
फर्जी कागजातों को बनाने का यह गोरखधंधा विदेशों में नौकरी भेजने वाले बड़े रैकेट से भी जुड़ा हुआ है। इन कागजातों का इस्तेमाल सिविलियन को गल्फ देशों में नौकरी दिलाने के लिए तैयार किया जाता है। खाड़ी देशों से अफगानिस्तान सहित आसपास के देशों में नौकरी के लिए इन्हें भेजा जाता है। मेरठ छावनी और देहरादून के आसपास के क्षेत्रों में हजारों की संख्या में पूर्व सैनिक रहते हैं। क्षेत्र से बहुत से लोग दूसरे देशों में नौकरी के लिए आना-जाना भी करते हैं। मोटी रकम लेकर पूर्व सैनिकों की तर्ज पर फर्जी पेंशन कागजात बनाकर उन्हें विदेशों में नौकरी के लिए भेजा जाता है।