पुरा महादेव में किया जलाभिषेक श्रावण मास में कांवड़ लेकर आने वालों में हिंदू ही नहीं मुस्लिम भी सेवा भाव से अपना काम करते हैं। वे कांवड़ियों के लिए मेडिकल से लेकर उनके खाने-पीने का भी भक्ति भाव से ध्यान रखकर हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का संदेश देते हैं। रंछाड़ गांव निवासी बाबू खान पुत्र अल्लाह मेहर का भगवान भोलेनाथ की Kanwar लाना कुछ मुस्लिम युवकों को नागवार गुजरा। उन्होंने बाबूखान के मस्जिद जाने से रोक लगाते हुए उनके साथ गलत व्यवहार किया। उनका कसूर सिर्फ इतना था कि वह गुरुवार शाम हरिद्वार से कांवड़ लेकर पुरा महादेव मंदिर पहुंचे थे। वहां जलाभिषेक करने के बाद गांव के दो मंदिरों में भी जाकर उन्होंने भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया था।
नमाज पढ़ने से रोका भाईचारे की मिसाल कायम करते उनके इस कार्य का जहां अमनपसंद लोगों ने स्वागत किया, वहीं कुछ शरारती लोगों ने मस्जिद में नमाज पढ़ने पहुंचे बाबूखान के सामने मजहब की दीवार खड़ी कर दी। उन्होंने इस काम के लिए उन्हें जलील किया। गाली-गलौज और हाथापाई कर नमाज पढ़ने से रोक दिया गया। उन्हें धक्के देकर बाहर निकाल दिया गया।
चार युवकों ने की हाथापाई पीड़ित का आरोप है कि शुक्रवार दोपहर वह गांव की मस्जिद में जुमे की नमाज अदा करने पहुंचे तो वहां मौजूद गांव के ही चार मुस्लिम युवकों ने उन पर फब्तियां कसीं। गाली-गलौज व हाथापाई करते हुए उन्हें मस्जिद से बाहर निकाल दिया गया। आरोपियों ने उन्हें नसीहत देते हुए कहा कि जा अब मंदिर में घंटा बजा और कीर्तन कर। यहां तुझे नमाज अदा नहीं करने देंगे। इसकी शिकायत चाहे जिससे कर ले। उन्होंने नमाज अदा करने की गुहार लगाई तो आरोपियों ने उन्हें मस्जिद के बाहर भी न खड़े होने की नसीहत देते हुए वहां से भगा दिया।
शहर इमाम बोले- बैठाकर कराई जाएगी बातचीत इस मामले को लेकर कांवड़ियों में रोष है। पीड़ित ने आरोपियों के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई और सुरक्षा की गुहार लगाई है। इंस्पेक्टर देवेंद्र बिष्ट ने बताया कि तहरीर मिली है। जांच की जा रही है। वहीं, बड़ौत के शहर इमाम मौलाना आरिफ उल हक का कहना है कि पहले इंसान है और उसके बाद धर्म होता है। इंसानियत की तालीम सभी को दी जाती है। यदि दोनों पक्षों के बीच कोई मनमुटाव हो गया है तो बैठाकर बातचीत कराई जाएगी। बाबू खान के लिए मस्जिद के दरवाजे खुले रहेंगे।