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स्कूलों में थी अव्यवस्था हम बात कर रहे हैं उस बेसिक शिक्षा विभाग की, जिस पर अक्सर नाकारा होने के आरोप लगते रहे हैं। बागपत के खेकडा ब्लॉक की बात करें तो यहां के परिषदीय विद्यालयों की हालत कुछ ज्यादा ही खराब थी। कहीं फर्नीचर की अव्यवस्था थी तो कहीं शौचालयों की। किसी स्कूल में किताबें भी नहीं नजर आती थीं, लेकिन अब वह दिन दूर नहीं जब ब्लॉक के स्कूल निजी स्कूलों से टक्कर लेते नजर आएंगे। इसके लिए अध्यापकों का प्रयास सराहनीय है। यह भी पढ़ें
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अन्य स्कूलों ने भी ली प्रेरणा स्कूल का नक्शा बदलने वाली ऐसी ही एक टीचर सानू निगम आज बेसिक शिक्षा विभाग के लिए प्ररेणा बनी हुई हैं। स्कूल में फर्नीचर से लेकर किताबों और साफ-सफाई की व्यवस्था में उन्होंने सुधार कराया। इतना ही नहीं बच्चों की शिक्षा में भी उन्होंने अपने दम पर सुधार किया। इसका परिणाम यह हुआ कि अन्य स्कूलों में भी अध्यापकों ने सुधार करना शुरू कर दिया है। यह भी पढ़ें
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लखनऊ में मिला सम्मान अध्यापिका सानू निगम ने प्रदेश स्तर पर लखनऊ में सम्मान पाकर बागपत का नाम चमकाया है। पिछले महीने लखनऊ में हुई शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा आयोजित शिक्षण प्रतियोगिता में प्रदेश भर से चयनित 26 विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। इसमें खेकड़ा ब्लॉक के सिंगौलीतगा के प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका सानू को भी सम्मानित किया गया। उनको मिले इस सम्मान से अध्यापकों में भी अपने स्कूल को बेहतर करने की होड मच गई है। देखें वीडियो: पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अन्य खबरें देखने के लिए यहां क्लिक करें बीईओ भी मानती हैं रोल मॉडल बीईओ खेकड़ा राजलक्ष्मी ने इसको एक अच्छा कदम बताया है। बीईओ राजलक्ष्मी भी सानू निगम को रोल माडल मानती हैं। उनका मानना है कि शानू को पुरस्कार मिलने के बाद से शिक्षा विभाग के स्कूलों में सुधार होना शुरू हुआ है। आने वाले समय में ये विद्यालय निजी स्कूलों से टक्कर लेते नजर आएंगे।