जानकारी के अनुसार सकौती निवासी किरण पाल ने जिला सहकारी बैंक को अपना मकान किराए पर दे रखा है। बताया गया है कि पिछले आठ साल से किराए और एग्रीमेंट को लेकर बैंक और मालिक के बीच विवाद चला आ रहा था। किराया ना मिलने पर बुधवार को मालिक ने बैंक के गेट पर अपना ताला लगा दिया। जिसको लेकर विवाद हुआ। ताला लगने से बैंक पहुंचे उपभोक्ताओं को भी दिक्कत का सामना करना पड़ा। किरण पाल का कहना है उन्होंने 2007 में एग्रीमेंट कर बैंक को बिल्डिंग किराए पर दी थी। बैंक पर साढे़ छह लाख रुपए से अधिक किराया लंबित पड़ा था और एग्रीमेंट में किराया बढ़ाने की जगह किराया घटा दिया गया।
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इस संबंध में उन्होंने बैंक अधिकारियों से लेकर मामले की शिकायत लखनऊ तक की। परंत, कोई कार्यवाही नहीं हुई। बैंक कर्मियों के निवेदन पर उन्होंने बैंक का ताला खोल दिया। बताया कि बैंक ने उन्हें छह लाख रुपए दिए। जबकि, 54 हजार टैक्स के रूप में काटने की बात कहते हुए रोक लिए। अब बैंक कर्मी बैंक को दूसरी बिल्डिंग में स्थानांतरण करने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं जब चेयरमैन ने मकान मालिक से बात की और उसको छह लाख रुपये का चेक दिलवाया उसके बाद ही उसने ताला खोला।
इस संबंध में उन्होंने बैंक अधिकारियों से लेकर मामले की शिकायत लखनऊ तक की। परंत, कोई कार्यवाही नहीं हुई। बैंक कर्मियों के निवेदन पर उन्होंने बैंक का ताला खोल दिया। बताया कि बैंक ने उन्हें छह लाख रुपए दिए। जबकि, 54 हजार टैक्स के रूप में काटने की बात कहते हुए रोक लिए। अब बैंक कर्मी बैंक को दूसरी बिल्डिंग में स्थानांतरण करने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं जब चेयरमैन ने मकान मालिक से बात की और उसको छह लाख रुपये का चेक दिलवाया उसके बाद ही उसने ताला खोला।