यह भी पढ़ें
टूट गए पुराने सभी रिकॉर्ड, पेट्रल 6.77 रुपये मंहगा, डीजल पर भी बढ़े 7.10 रुपये
बैंककर्मियों ने मेरठ में सरकारी बैंकों के निजीकरण के विरोध में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। सभी बैंक संगठन ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। यू ऑफ बीयू द्वरा प्रस्तावित धरना-प्रदर्शन के कार्यक्रम में पंजाब नेशनल बैंक के आंचलिक कार्यालय पर अधिकारी और कर्मचारि उपस्थित हुए और नारेबाजी की। बैंक कर्मियों का कहना था कि पहले तो सरकार ने कई बैंकों का विलय किया। उसके बाद सरकार अब इन बैंकों को निजी हाथों में देना चाहती है। उन्होंने कहा कि इससे बैंककर्मियों के साथ ही बैंक के खाताधारकों केा भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। यह भी देखें: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की नेत्री सुभाषिनी बनी हमदर्द यूनियन के राजेंद्र शर्मा ने कहा कि आज खाता धारकों को निशुल्क बैंक की सुविधाएं मिल रही हैं। निजी हाथों में बैंकों के जाने के बाद खाता खोलने के लिए भी शुल्क देना होगा और बैंक की सभी सुविधाओं पर शुल्क लगना शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बैंक कर्मचारी कभी बैंकों का निजीकरण नहीं होने देंगे। इसके लिए चाहे भूख हड़ताल करनी हो या फिर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठना हो। बैंकों के मर्ज करने के बाद सरकार अब दो सार्वजनिक बैंकों एवं एक जनरल इंश्योरेंस का निजीकरण की ओर अग्रसर है। सरकार अगर निजीकरण को थोपती है तो बैंककर्मी सड़क पर उतरने को बाध्य हो जाएंगे।