यह भी पढ़ेंः बसपा नेता याकूब कुरैशी ने लगाया आरोप- वोटिंग के बाद मतगणना केंद्र तक आठ घंटे में क्याें पहुंची र्इवीएम बैठक में भी नहीं निकला हल गुटबाजी को खत्म करने के लिए कई बार सभी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई, लेकिन छावनी मंडल अध्यक्ष अंकित सिंघल बैठक बीच में ही छोड़कर चले गए। इससे अन्य पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में भारी रोष है। इधर एक और ताजा मामला गुटबाजी का ही उजागर हुआ। मेरठ कैंट एरिया में भाजपा के सदस्यता अभियान के बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाए गए हैं। इन होर्डिग्स में मंडल अध्यक्ष अंकित सिंघल का भी नाम और फोटो है, लेकिन विपक्षियों ने अंकित के फोटो पर सफेद कागज लगा दिया। जिससे उसका चेहरा दिखाई न दे। छावनी क्षेत्र में मंडल अध्यक्ष का जबरदस्त विरोध चल रहा है।
VIDEO: हिन्दू संगठन ने सीएम योगी से मेरठ में साजिश रचने वालों के खिलाफ ये कार्रवाई करने की मांग की विराेध के बावजूद सदस्यता दिलार्इ ऐसे ही एक मामला और सामने आया जब छावनी परिषद की वार्ड छह की पार्षद मंजू गोयल भाजपा की सदस्यता ग्रहण करना चाहती थी, लेकिन उसकी राह में रोड़ा बने हुए थे मंडल अध्यक्ष। विधायक सत्यप्रकाश की कोशिशों के चलते मंजू गोयल ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। बता दें कि वार्ड छह की पार्षद मंजू गोयल, पूर्व पार्षद दिनेश गोयल की पत्नी हैं। दिनेश गोयल का छावनी परिषद ही नहीं पूरे कैंट इलाके में अच्छा रूतबा है। मंजू गोयल ने लोकसभा चुनाव के दौरान छावनी में भाजपा के लिए काफी मेहनत की थी। जिसका नतीजा चुनाव परिणाम के दौरान देखने को मिला था। इस बारे में जब सांसद राजेन्द्र अग्रवाल से बात की गई तो उनका कहना था कि पार्टी में किसी भी स्तर पर गुटबाजी नहीं है। सभी लोग पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। यह जरूर किसी असामाजिक तत्व की शरारत है। जिसने होर्डिंग्स में चेहरा छिपा दिया है। इसमें पार्टी के किसी कार्यकर्ता का हाथ नहीं है।