scriptonline zakat : आनलाइन जकात देने से पहले जाने ये बात, कहीं पीएफआई के खाते में तो नहीं जा रही जकात | Before giving zakat online,know thing,zakat going to PFI account? | Patrika News

online zakat : आनलाइन जकात देने से पहले जाने ये बात, कहीं पीएफआई के खाते में तो नहीं जा रही जकात

locationमेरठPublished: Apr 21, 2022 02:47:32 pm

Submitted by:

Kamta Tripathi

online zakat सदक़ा जिसे कि ज़कात कहा जाता है जो कि गरीबों और ज़रूरतमंदों के लिए है। यह उन लोगों के लिए भी है जो ज़कात इकट्ठा करने के लिए और दिलों को एक साथ लाने के लिए इस्लाम के लिए और बंदियों को मुक्त करने के लिए और कर्ज में और अल्लाह के कारण के लिए है। लेकिन जकात देने से पहले यह भी जान लेना जरूरी है कि आनलाइन दी जा रही जकात कही पीएफआई या अन्य गलत खाते में तो नहीं जा रही। उलमाओं ने जकात देने से पहले इसके बारे में चेताया है।

online zakat : आनलाइन जकात देने से पहले जाने ये बात, कहीं पीएफआई के खाते में तो नहीं जा रही जकात

online zakat : आनलाइन जकात देने से पहले जाने ये बात, कहीं पीएफआई के खाते में तो नहीं जा रही जकात

online zakat इन दिनों रामजान का पवित्र महीना चल रहा है। आगामी 4 मई को ईद मनाई जाएगी। रमजान में मुस्लिम लोग जकात निकाला करते हैं। जकात इस्लाम के पांच प्रमुख स्तंभों में से एक है। इसके महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसे कुरान में 28 बार नमाज़ (नमाज़) से जोड़ा गया है। उलमाओं ने जकात निकालने से पहले या देने से पहले यह भलीभांति देख लेने को कहा कि उनके द्वारा दी जा रही जकात सही तरह से इस्तेमाल हो रही है। उलमाओं ने मुस्लिमों को आगाह किया है कि इस समय रमज़ान की शुरुआत के साथ ही कई संगठन ज़कात के लिए विज्ञापन आदि देकर विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों पर जमा हो गए।

देश में इनमें से प्रमुख रुप से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई), जमात ए इस्लामी हिंद (जेईआईएच) आदि शामिल हैं। इस तेज गति वाले जीवन में योग्य मुसलमानों को समय बचाने और शारीरिक श्रम से बचने के लिए ऑनलाइन जकात दान करना आसान लगता है। जकात प्रशासकों को जो लोग जकात दान करते हैं उनको ज़कात के अंतिम उपयोग के बारे में पूछताछ करनी चाहिए। उन्हें जवाबदेही के लिए पूछना चाहिए।
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दिल्ली हिंसा के बाद की जांच के दौरान पीएफआई के एकाउंटेंट ने खुलासा किया कि दिल्ली के शाहीन बाग में पीएफआई का मुख्यालय करोड़ों बेहिसाब धन रखता है जिसका उपयोग वे बिना किसी जवाबदेही के करते हैं। पीएफआई के खिलाफ विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा हवाला मनी लेनदेन के कई मामलों की जांच की जा रही है। उलेमा शमसुद्दीन ताहिर ने मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि उनको यह तय करना है कि उनकी गाढ़ी कमाई का इस्तेमाल पीएफआई जैसे संगठनों द्वारा किया जाना है या गरीब और जरूरतमंद मुसलमानों के उत्थान के लिए। मात्र दान से मुसलमानों को धन के अंतिम उपयोग के प्रति उनकी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं किया जा सकता।
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