यह भी पढ़ेंः Good News: अब यात्रियों को नहीं होगी परेशानी, शुरू हो रही हैं बंद की गईं ये ट्रेनें लोगों के हाथों में पोस्टर थे और वे CAA के समर्थन में नारे लगा रहे थे। इन पोस्टरों पर लिखा हुआ था कि ‘सीएए सम्मिलित करने वाला है न कि भेदभाव करने वाला’, ‘सीएए सताए गए अल्पसंख्यकों के लिए हैं’। परिषद के लोगों ने सीएए के समर्थन में रैली निकली। इन लोगों ने सीएए के समर्थन में नारे भी लगाए। इन पोस्टरों में लिखा हुआ था कि सीएए एक प्रगतिशील कानून है, ‘अल्पसंख्यकों का दमन बंद करो’, ‘सीएए सबसे ज्यादा उदारवादी कानून है’। लोगों ने सीएए के प्रति समर्थन जताने के लिए विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम किया और सीएए को भारत सरकार की तरफ से उठाया गया ऐतिहासिक कदम करार दिया।
यह भी पढ़ेंः CCSU: 15 फरवरी से नहीं अब इस तारीख से शुरू हो रही मुख्य परीक्षाएं, विश्वविद्यालय ने जारी की स्कीम सीएए के समर्थन में लोग कमिश्नरी चौराहे पर एकत्र हुए थे। उनके हाथ में पोस्टर थे और वे सीएए और नरेंद्र मोदी सरकार के समर्थन में नारे लगा रहे थे। सीएए के मुताबिक हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई समुदाय के जो लोग धार्मिक प्रताडऩा के चलते पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आ गए हैं, उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी।