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मेरठ मंडल ने यह भी निर्देश दिए कि ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए बनाएं गए नोडल अधिकारी प्रत्येक हॉस्पिटल पर रोजाना निगरानी रखे और अगले 24 घंटे में शॉर्टेज की संभावना होने पर तत्काल व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। साथ ही कहा गया कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों को बेहतर से बेहतर इलाज मुहैया कराया जाए, संभावित मृत्यु को रोका जाए। वर्तमान में बढ़ते मरीजों के मद्देनजर और प्राइवेट हॉस्पिटल्स को कोविड हॉस्पिटल अधिसूचित करने की कार्रवाई की जाए।
उन्हाेंने कहा कि काफी संख्या में नए
पॉजिटिव मरीज आ रहे हैं, जिनमें काफी ऐसे व्यक्ति हैं, जो स्पष्ट रूप से लक्षणयुक्त हैं। इसके लिए कॉविड टेस्टिंग सेंटर्स पर डायग्नोस्टिक टीम भी मौजूद रहे, जो व्यक्तियों की स्क्रीनिंग भी करें। किसी को तेज बुखार, खांसी व अन्य स्पष्ट लक्षण दिखने पर तत्काल आइसोलेट करें। इसके लिए टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार ना किया जाए। नई डिस्चार्ज पॉलिसी का सख्ती से पालन करें, ताकि मरीज स्वस्थ और लक्षणहीन होने पर समय से डिस्चार्ज किए जाए और जरूरतमंद मरीजों को कोविड बेड उपलब्ध हो सकें।
उन्होंने हाल ही में कंटेनमेंट जोन की बैरिकेडिंग तोड़ने की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिए गए कि कंटेनमेंट जोन में पूर्ण सख्ती की जाए। बैरिकेडिंग तोड़ने अथवा नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमित और अस्पतालों में भर्ती
कोविड मरीजों से निरंतर बातचीत की जाए, ताकि वह किसी प्रकार के डिप्रेशन में न आएं। यह भी निर्देश दिए कि मनोविज्ञानियो के माध्यम से कोविड रोगियों की काउंसलिंग कराते हुए उनका उत्साहवर्धन कराया जाए। इसी प्रकार इलाज में लगे डॉक्टर और स्टाफ को भी निरंतर प्रेरित किया जाए।