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नकली तेल के खेल में शिकंजे से बाहर ‘बड़े’, 10 साल से चला रहे थे काला कारोबार

locationमेरठPublished: Aug 24, 2019 04:28:09 pm

Submitted by:

sanjay sharma

खास बातें

रोजाना 60 हजार लीटर पेट्रोल-डीजल खपाया जा रहा था
वेस्ट यूपी ही नहीं कई राज्यों से जुड़े थे कारोबार के तार
डीएम ने क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी और निरीक्षक का क्षेत्र बदला

 

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मेरठ। नकली पेट्रोल-डीजल बनाने का बड़ा खेल पकड़े जाने के बाद मेरठ से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मचा हुआ है। दस साल से चल रहे इस धंधे के खुलासे के बाद इस कारोबार करने में संलिप्त लोगों के खिलाफ प्रशासनिक अफसरों ने भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। डीएम अनिल ढींगरा ने आपूर्ति विभाग के एक निरीक्षक और क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी को क्षेत्र से हटाकर जिला आपूर्ति कार्यालय से संबंद्ध कर दिया है। साथ ही दोनों के खिलाफ विभागीय जांच बिठा दी है। तेल का यह बड़ा खेल पिछले दस साल से चल रहा था। इसमें कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं। अभी तक की जांच में ये गिरफ्त से बाहर हैं।
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तेल में खेल पकड़े जाने से हंगामा

नकली पेट्रोल-डीजल का खेल उजागर होने के बाद से तेल माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है। माना जा रहा है कि यदि निष्पक्ष जांच हो तो कई बड़े व्यापारियों के नाम सामने आ सकते हैं। इस मामले में नौ गिरफ्तार हुए हैं और उनसे पूछताछ के बाद कई नाम अभी सामने आना बाकी हैं, लेकिन इसी बीच इन्हें बचाने के लिए सिफारिशों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। मामला तूल पकड़ते ही सत्ताधारी नेता भी तेल माफियाओं के बचाव में कूद गए हैं। सरकारी मशीनरी खामोश हुई और कार्रवाई करने वाले भी पीछे हटने लगे। तेल माफियाओं के खिलाफ गठित एसआईटी के हाथ भी अभी तक कुछ नहीं लगा है।
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परतापुर और टीपी नगर में खेल

परतापुर व टीपीनगर क्षेत्र में नकली तेल बनाने की बात आरोपियों ने ही पुलिस को बताई। जिसमें जिला आपूर्ति विभाग और पुलिस की मिलीभगत से ये धंधा चलना बताया गया। माफियाओं के पास थिनर, सॉल्वेंट और बेंजीन पंजाब और हरियाणा से आता था। इनसे नकली तेल बनता रहा और जिला आपूर्ति विभाग को इसका पता भी नहीं चला। पिछले दस साल से यह सब चल रहा था और संबंधित विभागों ने एक बार भी यहां जांच नहीं की।
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लोगों की जेब पर डाला डाका

परतापुर और टीपी नगर क्षेत्र में चल रहे इस नकली तेल कारोबार से लोगों की जेब पर डाका डाला जा रहा था, इसमें कुछ लोगों की गिरफ्तारी के बाद डीएम ने मजिस्ट्रीयल जांच के तो आदेश दे दिए हैं, लेकिन जिस तरह से नकली पेट्रोल-डीजल का बड़ा कारोबार चल रहा था, उससे नहीं लगता है इसके पीछे के बड़े नाम सामने आ पाएंगे। आईजी आलोक सिंह का कहना है कि नूमनों की जांच लैब में भेजे जा रहे हैं, पुलिस की विवेचना में किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

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