यह भी पढ़ेंः आतंकियों को सबक सिखाने वाले कमांडो को पुलिस ने भेज दिया जेल, गृह मंत्रालय तक पहुंचा मामला तेल में खेल पकड़े जाने से हंगामा नकली पेट्रोल-डीजल का खेल उजागर होने के बाद से तेल माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है। माना जा रहा है कि यदि निष्पक्ष जांच हो तो कई बड़े व्यापारियों के नाम सामने आ सकते हैं। इस मामले में नौ गिरफ्तार हुए हैं और उनसे पूछताछ के बाद कई नाम अभी सामने आना बाकी हैं, लेकिन इसी बीच इन्हें बचाने के लिए सिफारिशों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। मामला तूल पकड़ते ही सत्ताधारी नेता भी तेल माफियाओं के बचाव में कूद गए हैं। सरकारी मशीनरी खामोश हुई और कार्रवाई करने वाले भी पीछे हटने लगे। तेल माफियाओं के खिलाफ गठित एसआईटी के हाथ भी अभी तक कुछ नहीं लगा है।
यह भी पढ़ेंः मौसम वैज्ञानिकों ने दी भारी बारिश की चेतावनी, इन क्षेत्रों में बिगड़ेगी स्थिति परतापुर और टीपी नगर में खेल परतापुर व टीपीनगर क्षेत्र में नकली तेल बनाने की बात आरोपियों ने ही पुलिस को बताई। जिसमें जिला आपूर्ति विभाग और पुलिस की मिलीभगत से ये धंधा चलना बताया गया। माफियाओं के पास थिनर, सॉल्वेंट और बेंजीन पंजाब और हरियाणा से आता था। इनसे नकली तेल बनता रहा और जिला आपूर्ति विभाग को इसका पता भी नहीं चला। पिछले दस साल से यह सब चल रहा था और संबंधित विभागों ने एक बार भी यहां जांच नहीं की।
यह भी पढ़ेंः फेसबुक पर मुख्यमंत्री की आपत्तिजनक फोटो अपलोड और टिप्पणी करने वाला इस तरह आया गिरफ्त में लोगों की जेब पर डाला डाका परतापुर और टीपी नगर क्षेत्र में चल रहे इस नकली तेल कारोबार से लोगों की जेब पर डाका डाला जा रहा था, इसमें कुछ लोगों की गिरफ्तारी के बाद डीएम ने मजिस्ट्रीयल जांच के तो आदेश दे दिए हैं, लेकिन जिस तरह से नकली पेट्रोल-डीजल का बड़ा कारोबार चल रहा था, उससे नहीं लगता है इसके पीछे के बड़े नाम सामने आ पाएंगे। आईजी आलोक सिंह का कहना है कि नूमनों की जांच लैब में भेजे जा रहे हैं, पुलिस की विवेचना में किसी को बख्शा नहीं जाएगा।