राज्यपाल ने अपने छात्रसंघ के कार्यकाल और छात्र आंदोलन की बाते छात्रों और वहां पर उपस्थित अतिथियों से साझा की। वे उस क्लास रूम में भी गए, जिसमें बैठकर वे कभी पढ़ाई किया करते थे। वे अपने हॉस्टल भी गए, जिस हॉस्टल में वे रहते थे। हॉस्टल की दुर्दाशा देखकर उन्होंने अफसोस भी जाहिर किया।
छात्र अपनी पढ़ाई पर दें ध्यान
उन्होंने छात्रों के संबोधित करते हुए कहा कि छात्र सर्वप्रथम अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें। अपने गुरुओं का आदर करें और उनका सम्मान करें। उन्होंने छात्रों को एकजुट होकर रहने का संदेश दिया।
आज की और तब की छात्र राजनीति में बहुत अंतर
छात्र राजनीति पर बात करते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि उस दौर की छात्र राजनीति और अब की छात्र राजनीति में बहुत फर्क आ चुका है। उन्होंने कहा कि हम अलग-अलग दल में होते हुए भी विरोधी दोस्तों के साथ एक साथ उठते बैठते थे। आज ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्तमान छात्र नेता अपने सीनियर्स से सबक लें।
चौधरी चरण सिंह को राष्ट्रीय राजनीति में ले गए
सत्यपाल मलिक ने कहा कि अगर वो चौधरी चरण सिंह का साथ न देते तो चौधरी चरण सिंह उप्र की सियासत तक सिमट कर रह जाते। चौधरी चरण सिंह को राष्ट्रीय राजनीति में लाने वाले वे ही हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की प्रशंसा की
उन्होंने राष्टीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की प्रशंसा की और कहा कि वे अजित डोभाल के साथ मेरठ कॉलेज में पढें हैं। अजित डोभाल भी छात्र राजनीति में सक्रिय रहे और लोहिया के प्रबल समर्थकों में से एक थे। लेकिन, बाद में अजित राजनीति से अलग हो गए।
सत्यपाल मलिक मेरठ कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके हैं। इस दौरान वे कॉलेज छात्र जीवन से जुड़े चीजों को देखने के लिए कॉलेज के संग्रहालय पहुंचे।