यह भी पढ़ेंः Pulwama Encounter: पिछली बार ड्यूटी पर लौटते समय शहीद अजय ने पत्नी से किया था ये वादा, अापकी आंखें भी हो जाएंगी नम आरएसएस का आॅपरेशन दलित अब आरएसएस और उसकी शाखाओं ने दलितों का रूख भाजपा की ओर करने के लिए विशेष एजेंडे पर काम करना शुरू कर दिया है। इसके तहत दलित महापुरूषों के कार्यक्रम कर दलितों की भीड़ को एकत्र कर उनको भाजपा से जोड़ने की कवायद तेज कर दी गई है। संत रविदास जयंती कार्यक्रम इसी ऐजेंडे का एक हिस्सा बताया जा रहा है। आगामी जितने भी दलित महापुरूषों की जयंती या पर्व होंगे। आरएसएस उनको दलितों के साथ मनाएगी।
यह भी पढ़ेंः Pulwama Encounter: शहीद अजय के ढाई साल के बेटे आरव को अब बाबा का सहारा, बेटे की शहादत पर पिता ने कही ये बड़ी बात पश्चिम की सभी सीटों पर थोक के भाव दलित वोट दलित बसपा का परंपरागत वोट बैंक है। 2014 के लोकसभा चुनाव में जिस तरह से इस वोट बैंक में भाजपा ने सेंधमारी की थी। उससे बहन मायावती का सिंहासन ही हिल उठा था। नतीजा बसपा पूरी तरह से साफ हो गई थी। विशेष तौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में। 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे के बाद सांप्रदायिक ध्रुवीकरण हुआ और सवर्ण के साथ ही दलितों ने भी खुलकर भाजपा को वोट किया था।
यह भी पढ़ेंः Pulwama Attack: यहां ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ नारे पर हुआ हंगामा, पुलिस करेगी जांच गांवाें में रैदासी तो शहर में वाल्मीकि और खटीक शहरी क्षेत्रों में जहां वाल्मीकि और खटीक की संख्या ज्यादा है तो ग्रामीण क्षेत्रों में रैदासी और जाटव की बहुलता में हैं। खटीक और वाल्मीकि भाजपा को वोट करते हैं, लेकिन प्रदेश में हुए उपचुनाव के बाद मायावती के हौसले अब बुलंद हैं। पश्चिम उप्र प्रभारी शमसुद्दीन राइन के अनुसार बसपा का कैडर वोट हमेशा पार्टी के साथ रहा है।