मेरठ

B.Ed Entrance Exam: जानिए क्यों दिव्यांग परीक्षार्थी बोले- ‘सरकार ने दे दी इच्छा मृत्यु की अनुमति’

Highlights:
-निरस्त कराने को दिव्यांग परीक्षार्थियों ने लिखा पत्र -कोरोना महामारी में बीएड प्रवेश परीक्षा कराया जाना अनुचित -शनिवार और रविवार को प्रदेश भर में रहता है लॉकडाउन

मेरठAug 04, 2020 / 04:28 pm

Rahul Chauhan

मेरठ। बीएड प्रवेश परीक्षा के निरस्त होने का विरोध चारों ओर हो रहा है। परीक्षार्थी भी इसके विरोध में उतर आए है। सभी का कहना है कि सुबह से शाम तक मास्क लगाकर रहना कैसे संभव हो सकता है। इससे तो परीक्षार्थी बीमार भी पड़ सकता है। वहीं दिव्यांग परीक्षार्थियों ने भी बीएड प्रवेश परीक्षा निरस्त करने की मांग की है। दिव्यांग परीक्षार्थी आयुष गोयल और पीयूष गोयल ने इस संबंध में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, प्रभारी मंत्री, मुख्य सचिव, आयुक्त मेरठ और डीएम को इस संबंध में पत्र लिखकर प्रवेश परीक्षा निरस्त कराने की मांग की है।
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दिव्यांग परीक्षार्थियों ने कहा कि अत्यंत कष्ट एवं पीड़ा के साथ सूचित करना पड़ रहा है की BEd संयुक्त प्रवेश परीक्षा 9 अगस्त रविवार को निर्धारित की गई है। जिसमें सबसे बड़ी विडंबना यह है कि शनिवार एवं रविवार को प्रदेश में सम्पूर्ण लॉक डाउन भी रहता है। इस प्रकार सरकारी आदेशों का उलंघन भी होगा। पुलिस—प्रशासन द्वारा अनावश्यक रूप से परीक्षार्थियों को प्रताड़ित किया जाएगा। दिव्यांग परीक्षार्थियों को विशेष रूप से अत्याधिक परेशानी होगी। परीक्षार्थी को पूरा दिन परीक्षा केंद्र पर व्यतीत करना होगा। परीक्षा दो पारियों में कराई जाएगी एवं शून्य काल में भी परीक्षार्थियों से परीक्षा केंद्रों पर ही रहने के लिए कहां गया है। इस संबंध में हमारे द्वारा 25 जून 2020 को एक पत्र प्रेषित किया गया था। जिसमें आप से अनुरोध किया गया था किं महामारी कोरोना काल में बीएड प्रवेश परीक्षा कराया जाना उचित प्रतीत नहीं होता।
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यह प्रकरण इस प्रकार प्रतीत होता है कि जैसे स्वयं सरकार ने ही बीऐड परीक्षार्थियों को स्वयं इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान कर दी हो। नीट, यूपीएससी, आदि सभी परीक्षाये स्थगित कर दी गई है सरकार द्वारा मात्र बीएड प्रवेश परीक्षा ही कराई जा रही है जो कि इस कार्यकाल में बहुत ही खतरनाक है इस आयोजन से कोरोना के कम्युनिटी स्प्रेड होने की प्रबल संभावना है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि कोरोना काल के चलते बीएड प्रवेश परीक्षा कराई जाना पांच लाख परीक्षार्थियों की जान से खिलवाड़ प्रतीत होता है। इन सभी बिंदुओं को दृष्टिगत रखते हुए परीक्षा को स्थगित कराने के लिए मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन को निर्देशित किया जाए।
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