scriptworld organ donation day : बहन को बोनमैरो दान कर भाई ने निभाया राखी का फर्ज, भारती को मिली नई जिंदगी | Brother Bharat donating bone marrow to Sister Bharati saved his life from blood cancer | Patrika News

world organ donation day : बहन को बोनमैरो दान कर भाई ने निभाया राखी का फर्ज, भारती को मिली नई जिंदगी

locationमेरठPublished: Aug 13, 2022 09:30:05 am

Submitted by:

Kamta Tripathi

world organ donation day एक भाई ने ब्लड कैंसर से जूझ रही अपनी बहन के लिए बोनमैरो दान कर उसकी जिंदगी बचाकर राखी का फर्ज भी निभा दिया। आज दोनों भाई बहन बिल्कुल स्वास्थ्य हैं। भाई भरत ने ब्लड कैंसर पीड़िता बहन भारती को बोन मैरो ट्रांसप्लांट कर नए जीवन का उपहार दिया तो उसका जीवन खुशियों से भर गया है।

world organ donation day : बहन को बोनमैरो दान कर भाई ने निभाया राखी का फर्ज, भारती को मिली नई जिंदगी

world organ donation day : बहन को बोनमैरो दान कर भाई ने निभाया राखी का फर्ज, भारती को मिली नई जिंदगी

world organ donation day बहन भारती को उसके भाई भरत ने बोन मैरो के रूप में नए जीवन का उपहार दिया है। भारती को ब्लड कैंसर की पुष्टि हुई थी। उनका उपचार गुडगांव के फोर्टिस अस्पताल में डा0 राहुल भार्गव के अंडर में चल रहा था। डाक्टर राहुल भार्गव को जब भारती को दिखाया गया तो उन्होंने बताया कि इनका जीवन बचाने के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट ही एक मात्र उपाय है। ऐसे में भाई भरत ने आगे आकर अपनी बहन की जान बचाने का फैसला किया। उसने कहा वो अपनी बहन भारती को बोन मैरो देंगे। भरत की जिद के आगे परिवारवालों को झुकना पड़ा। डा0 राहुल भार्गव ने बताया कि दोनों भाई-बहन के सभी टेस्ट पॉजिटीव निकलें। उसके बाद भरत और भारती का बोन मैरो मैच होने के बाद उन्होंने को भारती बोन मैरो ट्रांसप्लांट भी कर दिया। इससे पहले भारती को करीब 25 बार ब्लड चढ़ाया जा चुका था। बोने मैरो ट्रांसप्लांट हो जाने के बाद अब यह परेशानी नहीं रही। भारती अब अब पूरी तरह स्वस्थ है।

भरत ने बताया उनका और उनकी बहन के बोन मैरो का मैचिंग परसेंटेज 99ः5 था। सारे टेस्ट पहले हो चुके थें। शरीर से स्टेम सेल निकालने से पांच दिन पहले उन्हें भर्ती किया गया। इंजेक्शन लगाए गए। जिससे स्टेम सेल की ग्रोथ बढ़ सकें। डा0राहुल भार्गव को जब लगा कि भरत पूरी तरह से तैयार है तो फिर हाथ से स्टेम सेल लेने की प्रक्रिया शुरू की गई। इसमें करीब सात घंटे का समय लगा। बोन मैरो ट्रांसप्लांट के बाद भारती अब पूरी तरह से स्वस्थ है। हर तीन महीने में उन्हें चेकअप के लिए जाना पड़ता है। मौसम परिवर्तन के दौरान जरूर कुछ कॉम्पलिकेशन आ जाते हैं। हालांकि अब स्वास्थ्य में सुधार है।
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डा0 राहुल भार्गव कहते हैं कि अन्य लोगों को भी अंगदान के लिए आगे आना चाहिए। आजकल जिस तरीके से लोगों में रक्त दान के प्रति जागरूकता बढ़ी है। उसी तरीके से अब अंगदान करने की प्रेरणा भी लोगों में देखी जा रही है। लोग केसों को देखकर आगे आ रहे हैं और अंगदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अंगदान भी रक्तदान के जैसे ही एक स्वास्थ्य प्रक्रिया है। इससे कोई नुकसान नहीं होता है। समाज को अंगदान के लिए आगे आना चाहिए।
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