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वंदे मातरम पर रोक लगाने वाली महिला महापौर को मायावती ने सुनाई ये सजा, पति को भी नहीं बख्शा

locationमेरठPublished: Nov 10, 2019 02:09:26 pm

Submitted by:

Rahul Chauhan

Highlights:
-महिला महापौर को Mayawati ने अब बड़ी सजा सुनाई है
-महापौर के पति पर भी पार्टी द्वारा कार्रवाई की गई है
-BSP ने दोनों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है

मेरठ। पद संभालते ही नगर निगम (Meerut Nagar Nigam) में वंदे मातरम (Vande Mataram) पर रोक लगाने वाली महिला महापौर को बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने अब बड़ी सजा सुनाई है। इतना ही नहीं, महापौर के पति पर भी पार्टी द्वारा कार्रवाई की गई है। दरअसल, मेरठ नगर निगम की मौजूदा महापौर सुनीता वर्मा (Sunita Verma) व उनके पति योगेश वर्मा (Yogesh Verma) को बसपा (BSP) ने पार्टी से निष्कासित कर दिया है। बसपा जिलाध्यक्ष सुभाष प्रधान का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के निर्देश पर योगेश वर्मा व उनकी पत्नी सुनीता वर्मा को पार्टी से निष्कासित किया गया है। ये दोनों ही पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे और कई बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद उनकी कार्यशैली में सुधार नहीं हुआ।
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ये भी हैं संंभावित कारण

वहीं चर्चा हैं कि पूर्व विधायक योगेश वर्मा को और भी कई संभावित कारणों के चलते बाहर किया गया है। जिनमें पहला कारण है कि उन्होंने मुरादनगर में पार्टी के मंडल सम्मेलन में कहा था कि जिस तरह भीड़ नदारद है, उससे तो पार्टी खत्म हो जाएगी। कांशीराम ने साइकिल से चलकर मायावती को मुख्यमंत्री बनाया, अब पार्टी के कोऑर्डिनेटर लग्जरी गाडिय़ों से चलकर भी इसे मजबूत नहीं कर रहे हैं। वहीं निष्कासन का दूसरा कारण ये भी बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से वह भाजपा में जाने की फिराक में लगे हुए थे। जबकि तीसरा कारण अयोध्या प्रकरण में जिले से बाहर रहने के आदेश वाली सूची में उनका नाम शामिल होना भी बताया जा रहा है।
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वंदेमातरम पर रोक के बाद हुआ था हंगामा

बता दें कि योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता वर्मा को बसपा ने 2017 में महापौर पद का उम्मीदवार बनाया था और वह भाजपा प्रत्याशी को हराकर पहली अनुसूचित जाति (महिला) की महापौर बन गईं। दिसंबर 2017 में मेयर और पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह में शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान बीजेपी के पार्षदों द्वारा खड़े होकर वंदेमातरम गाने के दौरान बसपा मेयर सुनीता वर्मा कुर्सी से खड़ी नहीं हुई थीं। जिसपर भाजपाइयों ने जमकर हंगामा काटा था। महापौर सुनीता वर्मा ने तब कहा था कि संविधान में वंदेमातरम का उल्लेख नहीं है। सदन में वही होगा, जो संविधान में लिखा होगा। उन्होंने कहा था कि मेरठ नगर निगम की बोर्ड बैठकों में वंदे मातरम का गायन नहीं होगा। बैठक में राष्ट्रगान की परंपरा का पहले की तरह पालन होता रहेगा।
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