राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि भाजपा शासनकाल में ब्राह्मणों का एनकाउंटर हो रहा है। यहां तक कि जाति पूछ कर गोली मारी जा रही है। भाजपा तो सपा से भी दो हाथ आगे निकली। सपा ने अपनी सरकार के समय कह दिया था कि ब्राह्मणों का काम नहीं करना। अब तो भाजपा के एक प्रवक्ता तक ने कह दिया कि ब्राह्मण कहां जाएंगे। उन्हें तो मजबूरन भाजपा को वोट देना पड़ेगा। भाजपा और सपा के समय अपराध बढ़ता है। ब्राह्मण दलित पर अत्याचार होता है। जबकि बसपा की सरकार में ब्राह्मणों को बड़े महत्वपूर्ण पद दिए गए थे। महिलाएं रात में भी सुरक्षित निकलती थीं।
उन्होंने आह्वान किया कि सब एक हो जाएं। इकट्ठे होकर बसपा को मजबूत करें। भाजपा ब्राह्मणों के लिए भस्मासुर निकली। जिस पार्टी को ब्रह्मणों ने सत्ता दी, वही अब खत्म करने पर तुली है। 16 फीसद ब्राह्मण और 23 फीसद दलित एक हो जाएं तो 40 से ज्यादा हो जाएंगे। ओबीसी और अल्पसंख्यक इसे भी बात करें। ऐसे में जीत से ज्यादा संख्या हो जाएगी, जबकि जीतने के लिए चाहिए सिर्फ 30 फीसद वोट। पूर्व नगर विकास मंत्री नकुल दुबे ने भी संबोधित किया। आयोजक प्रवीण वशिष्ठ ने पीतल की हाथी देकर दोनों का सम्मान किया।