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जीत की हैट्रिक लगाने वाले भाजपा के इस सांसद ने गठबंधन को लेकर कही बड़ी बात, देखें वीडियो जिला कार्यालय में बैठेंगे पदाधिकारी बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि पदाधिकारी अब पार्टी के जिला कार्यालय पर बैठें और वहां कार्यकर्ताओं की समस्याओं पर ध्यान दें। अभी बसपा प्रमुख के इस फरमान को कार्यकर्ता आत्मसात नहीं कर पाए हैं। मेरठ में बसपा कार्यालय पर सन्नाटा पसरा है। कुर्सियां एक ओर रख दी गर्इ हैं। बता दें कि 80 लोकसभा सीटों में से कम से कम 60 सीटें जीतने की उम्मीद कर रहे गठबंधन को महज 15 सीटें ही मिली हैं। वोट प्रतिशत के लिहाज से देखें तो सपा-बसपा-रालोद महागठबंधन का प्रयोग बिल्कुल नाकाम साबित हुआ। एक-दूसरे को अपना वोट अंतरित करने का दावा कर रही सपा और बसपा का वोट प्रतिशत बढ़ने के बजाय घट गया।
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जीत भाजपा की, सड़कों पर हुड़दंग करने लगे गठबंधन के समर्थक, फिर फैली एेसी अफवाह कि… सपा-बसपा का वोट प्रतिशत घटा चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में जहां सपा को 22.35 प्रतिशत वोट मिले थे, वहीं इस बार यह आंकड़ा घटकर 17.96 फीसदी ही रह गया। पिछली बार बसपा को 19.77 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे, जो इस बार घटकर 19.26 फीसदी रह गए हैं। जहां तक रालोद का सवाल है तो पिछली बार की तरह ही वह इस बार भी एक भी सीट जीतने में सफल नहीं रहा। हालांकि उसका वोट प्रतिशत 0.86 प्रतिशत से बढ़कर 1.67 फीसदी हो गया। सपा-बसपा-रालोद गठबंधन इस खुशफहमी में था कि यादव, मुस्लिम और जाटव मतदाताओं की जुगलबंदी के बूते वह किला फतह कर लेगा, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। अब बीएसपी सुप्रीमो अकेले ही आगे की तैयारी में जुट गई है। बसपा के एक प्रमुख नेता ने बताया कि बहन जी का फोकस अब दलित वोटों पर ही हो गया है। उन्होंने प्रदेश के सभी कार्यालयों में पदधिकारियों को बैठने के आदेश दिए हैं। जो जमीनी कार्यकर्ता का ध्यान रखेंगे और उनकी समस्याएं सुनेंगे, ताकि 2022 चुनाव में बेहतर परिणाम आ सकें।
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