जबकि, मार्च में सामान्य बारिश 10 मिलीमीटर से 25 मिलीमीटर के बीच दर्ज की जाती रही है। दशकों बाद यह पहला मौका है, जब मार्च बिना बारिश के गुजर गया। बारिश नहीं होने से ज्यादातर जिलों में पारा भी सामान्य से कई डिग्री सेल्सियस तक अधिक बना रहा। इससे पहले मार्च और अब अप्रैल मध्य से भीषण गर्मी का एहसास हो रहा है। वरिष्ठ कृषि मौसम वैज्ञानिक डा0 एन सुभाष का कहना है कि पहले छोटे—छोटे पश्चिमी विक्षोभ आते थे और हल्की बारिश होने के साथ तापमान भी कम रहता था। लेकिन अब पिछले दो महीने से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं हुए हैं।