12 वीं क्लास की स्टूडेंट वशिंका जौहरी का कहना है कि डेली 5 से 6 घंटे ऑनलाइन क्लास चलती है। मोबाइल से नोट्स भी तैयार करने होते हैं। लगातार फोन पर काम करने की वजह से थकान, आंखों में जलन व सिर दर्द रहने लगा है। वहीं, अभिभावक डॉ. प्रणति जोशी ने बताया कि बच्चों को पहले कभी मोबाइल नहीं देते थे। अब बच्चे पढ़ाई के साथ गेम भी खेलने लगे हैं। बच्चे सिर दर्द, आंखों में जलन आदि की शिकायत करते हैं। प्रीति शुक्ला ने बताया कि बच्चों की फिजिकल एक्टिविटीज कम होने की वजह से मोटापा बढ़ रहा है।
मनोचिकित्सक डॉ. सम्यक जैन का कहना है कि लंबे समय तक ऑनलाइन पढ़ाई होने की वजह से दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। मोबाइल व कंप्यूटर से निकलने वाले रेडिएशन के कारण बच्चों चिड़चिड़ापन, बैचेनी, घबराहट, नींद आदि की समस्या पैदा हो रही हैं। लंबे समय तक कंप्यूटर या मोबाइल फोन के इस्तेमाल के कारण उनमें मोबाइल एडिक्सन की समस्या भी बढ़ जाती है। लगातार क्लास की बजाए बीच-बीच में बच्चो को ब्रेक दें। साथ ही अभिभावक बच्चों की फिजिकल एक्टिविटि भी कराएं।
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. कीर्ति जैन ने बताया कि 80 प्रतिशत बच्चों की आंखों में समस्या डिजिटल आई स्ट्रेन या कंप्यूटर विजन सिड्रोन से संबंधित होती हैं। मोबाइल व कंप्यूटर पर काम करने की वजह से आंखों में चुभन, सिरदर्द, आंखों के आसपास भारीपन और आंखें सूखने की समस्या की शिकायत बच्चे कर रहे हैं। इसकी वजह से आंखो पर चश्मा लग सकता है या फिर उनके चश्में का नंबर बदल सकता है।
डॉ जैन का कहना है कि 20-20 के फॉम्र्यूला से कंप्यूटर व मोबाइल से आंखों को होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। ऑनलाइन क्लास के दौरान हर 20 मिनट के बाद 20 सेकंड तक 20 फुट दूरी पर देखना चाहिए। मोबाइल और फोन के कलर की लाइट कम रखनी चाहिए। ठंडे पानी से बार-बार आंखों को धोना चाहिए। खानपान के साथ सिर पर तेल की मालिश जरूर करें। बालरोग विशेषज्ञ डॉ विनीत सक्सेना ने बताया कि आॅनलाइन पढ़ाई होने की वजह से फिजिकल एक्टिविटी भी बच्चों की कम हो गई है। जिसकी वजह से उनमें मोटापे की समस्या बढ़ रही है।