scriptआसमान में बादल और गिरा तापमान कर रहा बारिश की ओर इशारा | Clouds in the sky and falling temperatures point towards rain | Patrika News

आसमान में बादल और गिरा तापमान कर रहा बारिश की ओर इशारा

locationमेरठPublished: Oct 13, 2020 03:57:20 pm

Submitted by:

lokesh verma

Highlights
नवरात्र से पहले हो सकती है बारिशअगले दो दिन तक ऐसे ही मौसम बने रहने के आसारकिसानों के लिए वर्तमान मौसम काफी मुफीद

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मेरठ। आज मंगलवार को सुबह के समय आसमान में बादल छाए हुए हैं। हालांकि उमस की प्रतिशत 80 है। अधिकतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस कम हुआ है। न्यूनतम तापमान भी दो डिग्री कम होकर आज 26 डिग्री तक पहुंच गया। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को दिन में हालांकि बारिश के आसार नहीं हैं। लेकिन हल्के बादल छाए होने से सुबह तापमान 34 डिग्री सेल्सियस रहा। दोपहर बाद यह 33 डिग्री रहने का अनुमान है। तापमान फिर से 37 डिग्री सेल्सियस से घटकर 34 पर आ चुका है।
मौसम विभाग के अनुसार अगले 48 घंटे में बारिश होने का अनुमान है। यानी नवरात्र से एक दिन पहले हल्की बारिश से मौसम खुशगवार होने की उम्मीद है। बता कि इस बार बरसात के मौसम में मेरठ में बारिश का रिकॉर्ड तोड़ दिया गया। इस बार मेरठ में पिछले कई सालों में सबसे कम बारिश दर्ज की गई है।
मेरठ और आसपास के क्षेत्र में मौसम लगातार परिवर्तनशील बना हुआ है। दो दिन से बादलों की आंखमिचौली का सिलसिला लगातार बना हुआ था। जिसके कारण आज सुबह हल्के बादल आसमान में छाए हुए हैं। हालांकि, इससे गर्मी से परेशान लोगों को राहत अवश्य मिली है। लेकिन कुछ हद तक उमस कायम है। इस बीच मेरठ में मंगलवार सुबह अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम के जानकारों का मानना है कि थोड़े-थोड़े अंतराल पर बदल रहे तापमान से बारिश के आसार बन रहे हैं।
अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े की शुरुआत में तापमान बढने का यह सिलसिला कायम रहने के पुख्ता आसार नजर आ रहे हैं। हालांकि, मंगलवार को सुबह से आसमान में बादल छाए रहने के कारण लोगों को कुछ राहत जरूर मिली है। आम जनजीवन पर मौसम के इस बदलाव का कोई खास असर नहीं दिखाई दिया। कोविड प्रोटोकॉल के कारण प्रशासन की ओर से जारी आदेशों के फलस्वरूप भी लोगों में इसके प्रति लापरवाही देखी जा रही है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम में उतार-चढ़ाव का यह सिलसिला अगले कुछ दिन इसी प्रकार बना रह सकता है। वहीं यह मौसम किसानों को रबी की फसल बोने के लिए काफी मुफीद है।
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