क्या है पूरा मामला – दरअसल मेरठ के ब्रहमपुरी के हरिनगर में दीपक और मनोज दो भाइयों के बीच घर का बंटवारा हुआ। इसमें दीपक ने अपने हिस्से का मकान बेचने का तय कर लिया और पूर्वा इलाही बक्श के नौशाद घर को खरीदने के लिए नौ लाख में तैयार हो गए। सब कुछ तय हो गया। सोमवार को नौशाद पैसे देने के लिए दीपक के घर पहुंचा, तभी कॉलोनी के लोगों ने दीपक और नौशाद को घेरकर हंगामा करने लगे।
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दूसरे संप्रदाय को मकान बेचने पर हंगामा कॉलोनी के लोगों ने दूसरे संप्रदाय को मकान बेचे जाने का विरोध किया और कहा कि विशेष समुदाय का परिवार कैसे रहेगा। विरोध कर रहे लोगों ने दूसरे संप्रदाय के लोगों को मोहल्ले में प्रवेश पर रोक का ऐलान कर दिया। इतना ही नहीं कॉलोनी के ही कई लोग विवाद को लेकर पुलिस थाने पहुंच गए। हिंदू के मकान बेचने के मामले को लेकर पुलिस भी गंभीर हो गई।
पुलिस ने रद्द कराया एग्रीमेंट विवाद के निपटारे को लेकर इंस्पेक्टर रघुराज प्रताप ने दीपक और नौशाद दोनों को थाने बुलाया और नौशाद को मकान खरीदने पर रोक लगा दी। इसके साथ ही पुलिस ने दीपक को कहा कि वह मकान अपने समुदाय के लोगों को बेच सकता है।
आपको बता दें कि इससे पहले मेरठ के ही शास्त्रीनगर में कई घरों में ‘मकान बिकाऊ है’ पोस्टर लगाने मामला सामने आया। इसके बाद एख बार फिर पलायन जिन्न बाहर आ गया। हालाकि पुलिस जांच में पता चला कि यह साजिश के तहत किया गया। इससे पहले भी कैराना के बाद कई बार मेरठ से पलायन का मुद्दा सामने आ चुका है, जिसकी गूंद संसद में भी सुनाई दी। इतना ही नहीं पलायक के मुद्दे पर हाल ही में योगी सरकार ने कई अधिकारियों पर गाज गिराई थी। जिसके बाद से ‘मकान बिकाऊ है’ या पलायन जैसे मुद्दे पर पुलिस फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।