Black Fungus कोरोना काल बढ़ रहा ब्लैक फंगस का खतरा, शुगर के मरीज और स्टेरॉयड्स लेने वाले जरूर पढ़ लें ये खबर
बता दें कि कोरोना संक्रमण काल में मेडिकल और अन्य प्राइवेट कोविड अस्पतालों में अव्यवस्थाओं से संबंधित काफी शिकायतें साामने आई। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। इसी को लेकर एक पीआईएल हाईकोर्ट इलाहाबाद में दायर की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह आदेश पारित किया था। अब प्रत्येक जिलों में एक ‘ पैनडेमिक पब्लिक ग्रीवेन्स कमेटी ‘ बनाने के निर्देश प्रदेश सरकार को दिए। इस तीन सदस्यीय कमेटी में एक न्यायिक अधिकारी,एक चिकित्सक और एक प्रशासनिक अधिकारी होंगे।न्यायिक अधिकारी में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अथवा उसके समकक्ष का एक न्यायिक अधिकारी जो जिला जज द्वारा नामित किया जाएगा वो शामिल होगा। दूसरा स्वास्थ्य विभाग से एक चिकित्साधिकारी जो कोविड-19 के कार्य को देख रहा है या देख चुका हो और तीसरा जिलाधिकारी द्वारा प्राथमिकता के आधार पर ऐसे अपर जिलाधिकारी स्तर के अधिकारी जो जिले के कोविड-19 के प्रभारी हो को प्रशासनिक अधिकारी के रूप में नामित किया जाए। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र की शिकायतों के निस्तारण के लिए ग्रामीण क्षेत्र में एसडीएम को सीधे जाकर शिकायत कर सकेंगे। एसडीएम ऐसी शिकायतों को पैनडेमिक पब्लिक ग्रीवेन्स कमेटी को इस शिकायतों को निस्तारण के लिए भेजेंगे। ये कमेटी अपनी प्रतिदिन की आख्या शासन में गृह विभाग को भेजेंगी। मेरठ में गठित की गई कमेटी में देवेंद्र नाथ गोस्वामी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रोफेसर विजय जायसवाल, विभागाध्यक्ष पीडियाट्रिक्स विभाग मेडिकल कालेज और शशांक चौधरी सीडीओ को रखा गया है।