यह भी पढ़ें- Political : अजय लल्लू ने कहा – पूरी तरह ‘माफिया राज’ में तब्दील हो गई भाजपा सरकार बता दें सहारनपुर में एंट्री करते ही प्रियंका गांधी सीधे मां शाकुंभरी देवी की शरण में पहुंची। यहां पर उन्होंने करीब 25 मिनट ध्यान लगाया। कांग्रेस महासचिव की इस ध्यान पूजा को राजनीतिक पंडित एक सधा हुआ हिंदुत्व पैतरा बता रहे हैं। कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका वाड्रा के इस रूप को देखकर तो ऐसा ही लगा कि पार्टी ध्रुवीकरण के जोखिम को अब नजरअंदाज नहीं करेगी। सहारनपुर पहुंचीं प्रियंका के गले में रुद्राक्ष की माला और मंदिरों के दर्शन-पूजन का सियासी मतलब तो यही निकाला जा रहा है। बता दें कि आज प्रियंका गांधी प्रयाग में संगम की लहरों पर पार्टी की सियासी जमीन को मजबूत करने पहुंच रही हैं।
सहारनपुर के चिकलाना में किसान पंचायत से पहले प्रियंका वाड्रा ने बाबा भूरा देव के दर्शन किए। इसके बाद शाकंभरी देवी मंदिर पहुंचीं। इस दौरान प्रियंका के सिर पर पल्लू था और गले में रुद्राक्ष की माला थी। पार्टी की रणनीति के तहत कृषि कानून विरोधी आंदोलन को अपने प्रयासों से गर्माने की पूरी कोशिश प्रियंका गांधी ने शुरू कर दी है। तहसील किसान पंचायतों की शुरुआत हो गई है। यह सभाएं 21 फरवरी तक चलनी हैं। इस दौरान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली सीमा पर चल रहे किसानों के आंदोलन के समानांतर यूपी में प्रियंका भी चार पंचायतों को संबोधित कर गांव-किसानों के बीच पार्टी की जमीन तैयार करने का प्रयास करेंगी।
इसी कड़ी में प्रियंका वाड्रा बुधवार को सहारनपुर के चिलखना में किसान पंचायत को सम्बोधित किया। प्रदेश प्रभारी प्रियंका 13 फरवरी को मेरठ, 16 फरवरी को बिजनौर और 19 फरवरी को मथुरा की पंचायत में शामिल होंगी। इसके साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जहां भी कांग्रेस को कृषि कानून विरोधी आंदोलन खड़ा होने की उम्मीद है। प्रियंका के इस तेवर में आने से कांग्रेसियों में भी नई ऊर्जा का संचार हो गया है।