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कांग्रेस ने वेस्ट यूपी की इस अहम सीट पर खेला ऐसा दांव कि मायावती को मिलेगा फायदा, भाजपा हो जाएगी चित

locationमेरठPublished: Mar 18, 2019 07:12:54 pm

Submitted by:

sanjay sharma

कांग्रेस ने अपनी चौथी सूची में मेरठ-हापुड़ लोक सभा सीट से डा. ओपी शर्मा को अपना उम्मीदवार किया घोषित, शाहिद अखलाक को टिकट न देकर मुस्लिम वोट का बिखराव रोकने का ये दाव भाजपा को नुकसान और मायावती को पहुचायेगा फायदा।
 

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कांग्रेस ने वेस्ट यूपी की इस अहम सीट पर खेला एेसा दांव कि मायावती को मिलेगा फायदा, भाजपा हो जाएगी चित

मेरठ। सपा-बसपा-रालोद गठबंधन से कांग्रेस भले ही बाहर हो, लेकिन कांग्रेस भाजपा के खिलाफ कोई भी दांव खेलने के लिए तैयार है, फिर भले ही उसका ये दांव गठबंधन को फायदा क्यों न पहुंचाए। कांग्रेस यह गेम खेलने से बिल्कुल नहीं चूक रही। कुछ ऐसी ही तस्वीर कांग्रेस हाईकमान ने मेरठ-हापुड़ लोक सभा सीट की बना दी है। कांग्रेस ने इस सीट पर अपना उम्मीदवार सीनियर एडवोकेट डा. ओपी शर्मा को चुना है। इससे भले ही कांग्रेसियों में जोश है, लेकिन कांग्रेस ने बड़ा दांव खेला है। इससे भाजपा की मजबूत स्थिति कमजोर बन सकती है।
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पूर्व बसपा सांसद थे टिकट की लाइन में

मायावती के कभी बेहद खास रहे बसपा के पूर्व सांसद शाहिद अखलाक तब अलग-थलग पड़ गए थे, जब बसपा सुप्रीमो मायावती ने हाजी याकूब को मेरठ-हापुड़ लाेक सभा सीट का प्रभारी बनाने की घोषणा की थी। बसपा में प्रभारी उसी को बनाया जाता है, जिसे टिकट दिया जाता है। मायावती के इस निर्णय से आहत पूर्व सांसद शाहिद अखलाक ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओ के साथ गुपचुप तरीके से मिलना भी शुरू कर दिया था। शाहिद के कांग्रेस से नजदीकियों की बात तब खुली जब प्रियंका गांधी भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर से मिलने आयी थी। सूत्र बताते हैं कि उससे एक दिन पहले ही शाहिद अखलाक ने कांग्रेस के वेस्ट यूपी प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की थी और शाहिद को अच्छा रेस्पांस भी दिया गया था, लेकिन जब कांग्रेस हाईकमान टिकट तय कर रहा था तो उसने बड़ा दाव खेल दिया और ये बड़ा दाव भाजपा को नुकसान और मायावती को सीधे पहुंचाने वाला साबित हो सकता है।
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कांग्रेस थिंक टैंक ने लिया यह निर्णय

दरअसल, शाहिद अखलाक कांग्रेस से अपनी नजदीकियां बढ़ा रहे हैं, ये बात टिकट तय होने से पहले ही जगजाहिर हो गई थी, लेकिन कांग्रेस की भाजपा को रोकने की मुहिम के कारण शाहिद अखलाक को टिकट नहीं पाया। वह इसलिए क्योंकि मुस्लिम उम्मीदवार के तौर पर बसपा से याकूब कुरैशी का नाम पक्का है। ऐसे में कांग्रेस यदि शाहिद अखलाक को टिकट देती तो दो मुस्लिम उम्मीदवार होने की वजह से मुस्लिम वोटों का विभाजन होता, क्योंकि शाहिद अखलाक की भी मुस्लिमों में गहरी पैठ है। मुस्लिम वोटें आपस में कटने से इसका सीधा फायदा भाजपा उम्मीदवार को मिलता और उसकी जीत निश्चित हो जाती। ऐसे में कांग्रेस हाईकमान ने बड़ा दाव शाहिद अखलाक पर लगाया और उन्हें टिकट नहीं देते हुए एडवोकेट डा. ओपी शर्मा को दिया। मेरठ-हापुड़ लोक सभा सीट के अंतर्गत करीब दस फीसदी ब्राह्मण वोटें हैं। साथ ही डा. ओपी शर्मा के साथ अधिवक्ता हैं, जिनकी वेस्ट यूपी में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग है। इस स्थिति में भी भाजपा को ही नुकसान पहुंचने की संभावना है। बसपा के पूर्व सांसद शाहिद अखलाक को टिकट न देकर कांग्रेस ने बसपा के लिए राह आसान की है। हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता अभिमन्यु त्यागी का कहना है कि शाहिद अखलाक के पार्टी के वरिष्ठ नेताओ से मिलने की चर्चा सुनी थी, लेकिन हाईकमान के डा. ओपी शर्मा को टिकट देने से इन चर्चाओं पर विराम लग गया है। कांग्रेस उम्मीदवार जीत के मजबूत दावेदार हैं।
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