महिला गाजियाबाद के इंदिरापुरम की रहने वाली है। उसका कहना है कि कांस्टेबल पति कोतवाली थाने में तैनात है और फिलहाल ट्रेनिंग पर है। पीड़िता महिला के मुताबिक उसका दूसरे संप्रदाय के युवक से प्रेम प्रसंग था जो कि यूपी पुलिस में कांस्टेबल के पद पर तैनात है। दोनों ही शादीशुदा थे। इसके बावजूद कांस्टेबल ने महिला से शादी कर ली। महिला को पहले पति से एक बेटा है। आरोप है कि कांस्टेबल पति ने आठ साल के बच्चे के धर्मांतरण करने की बात कही तो महिला ने इसका विरोध किया। आरोप है कि विवाद बढ़ने पर कांस्टेबल ने महिला से सारे संबंध तोड़कर तीसरी शादी कर लेने की धमकी दी। पीड़ित महिला का कहना है कि उसने इस मामले की शिकायत तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी से की थी जिसके बाद कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया था। इसकी जांच सीओ कोतवाली अरविंद चौरसिया ने की उसके बाद जांच सीओ मवाना उदय प्रताप सिंह को दे दी गई।
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इंस्टाग्राम के माध्यम से बरामद अपहत युवती प्रेमी के साथ सिपाही के घर से ऐसी हालात में मिली महिला का कहना है कि सीओ ने कांस्टेबल के पक्ष में रिपोर्ट लगा दी। इसके बाद एसएसपी ने कांस्टेबल को बहाल कर दिया था। पीड़ित महिला ने पुलिस जांच रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए हैं। महिला ने आज गुरुवार को आईजी रेंज आफिस में शिकायत की तो आईजी ने गाजियाबाद पुलिस से मामले की जांच कराने की बात कही है। पीड़ित महिला का आरोप है कि कांस्टेबल ने नाम और धर्म गलत बताकर उससे पहले दोस्ती की और फिर शादी कर ली। महिला का कहना है कि सात साल तक कांस्टेबल उत्पीड़न करता रहा। मेरठ पुलिस ने तीन महीने में अपनी जांच रिपोर्ट लगाकर कांस्टेबल को क्लीनचिट दे दी। महिला ने कहा कि उसको इंसाफ नहीं मिला तो वह आईजी ऑफिस आई और अपनी बात कही।