गणतंत्र दिवस पर भी कोरोना महामारी का साइड इफेक्ट
Highlights
- 15 अगस्त के बाद अब गणतंत्र दिवस पर भी ठंडा रहा जोश
- झंडे और अन्य समान की खरीद में आई कमी
- प्लास्टिक के झंडे सिरे से हुए गायब
- 10 रुपये से 200 रुपये तक का तिरंगा बाजार में

मेरठ. 15 अगस्त के बाद अब कोरोना इफेक्ट गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी पर भी देखने को मिल रहा है। जहां पहले 26 जनवरी के मौके पर झंडे और अन्य समानों की दुकानें करीब चार दिन पहले खरीदारों की भीड़ लग जाती थी और लोगों में तिरंगा, गुब्बारे और रिबन खरीदने का उत्साह दिखाई देता था। इस बार वह उत्साह लोगों में नहीं दिखाई दिया। हालांकि अब लॉकडाउन पूरी तरह से खोल दिया गया है और जिंदगी पटरी पर लौट आई है। वहीं कोरोना वैक्सीन भी आ चुकी है, लेकिन इसके बावजूद भी देश के गणों में तंत्र का वह उत्साह नदारद है, जो कि पहले हुआ करता था।
गुब्बारे, बैनर, झंडा बेचने वाले दुकानदार ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल बिक्री बहुत कम है। उसने बताया कि पिछले साल तक जहां एक सप्ताह पहले से झंडे खरीदने के लिए लोगों में उत्साह रहता था। वहीं इस बार 26 जनवरी से एक दिन पहले तक भी लोगों में देशप्रेम का वो जज्बा दिखाई नहीं दे रहा है।
प्लास्टिक के झंडे पर प्रतिबंध
झंडा बेचने वाले साजिद ने बताया कि इस बार प्लास्टिक के झंडे पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। उनके पास सभी प्रकार के झंडे हैं। दस रुपये से लेकर 200 रुपये तक झंडा उनके पास उलब्ध है। उनका कहना है कि वे प्रतिवर्ष झंडा बेचने का काम करता है। इस बार पूर्व की अपेक्षा बिक्री कम है।
हापुड़ अड्डे पर बिक रहा तिरंगा
प्रतिवर्ष मेरठ में हापुड़ अड्डे पर तिरंगा झंडा काफी मात्रा में बेचा जाता है। यहां पर तिरंगा बेचने वालों की 100 से अधिक दुकानें लगा करती हैं। तिरंगा खरीदकर लोग अपने वाहनों और घरों में भी लगाते हैं, लेकिन इस बार दुकानों की संख्या भी कम हो गई है तो ग्राहक भी नजर नहीं आ रहे हैं।
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