जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. प्रवीण गौतम ने बताया कि नई गाइडलाइन में एचआइवी व सांस रोगियों के अलावा अप्लास्टिक एनीमिया ग्रस्त मरीजों को भी यह वैक्सीन दी जाएगी। इसमें शरीर खून की नई कोशिकाएं पर्याप्त मात्रा में बनाना बंद कर देता है। अप्लास्टिक एनीमिया बोन मैरो को हुए नुकसान की वजह से हो सकती है। यह जन्मजात भी होती है। कई बार गंभीर रेडिएशन व कीमोथेरेपी अथवा जहरीले रसायनों या दवाओं के संक्रमण के प्रकोप से भी अप्लास्टिक एनीमिया हो सकती है।
थैलेसीमिया रोगियों को भी लगेगी वैक्सीन यह भी देखें: केंद्रीय मंत्री एम अब्बास नक़वी ने लगवाई कोविड़ वैक्सीन, कही यह बात जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि नई गाइडलाइन में थैलेसीमिया के मरीजों व मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित रोगियों को भी कोविड-19 वैक्सीन दिए जाने का निर्देश जारी किया जा चुका है। इसके अलावा यदि एक जुलाई 2020 के बाद किसी रोगी में गंभीर प्रकार के कैंसर होने की पुष्टि हुई है या किसी प्रकार से उनकी कैंसर थेरेपी की गई है तो वह भी वैक्सीन पाने के हकदार होंगे। कोविड-19 वैक्सीनेशन की नई गाइडलाइन में गंभीर मरीजों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने काफी सहूलियत है दी है। पहले जहां सिर्फ पांच गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को ही वैक्सीन देने का निर्देश था तो वहीं अब इसमें 20 बीमारियों को शामिल कर लिया गया है। तीसरे चरण में ही इन सभी का टीकाकरण कर दिया जाएगा।