मेरठ और आसपास के क्षेत्रों में भी इसे लेकर सतर्कता बरती जा रही है। चिकित्सकों के अनुसार कोरोना और बर्ड फ्लू के लक्षणों में काफी समानता मिलने पर चिकित्सकों ने विशेष रूप से सतर्क रहने की सलाह दी है। मेरठ के पूर्व नोडल अधिकारी डॉक्टर वेद प्रकाश ने बताया कि दोनों बीमारियों में खांसी, सांस में दिक्कत एवं गंभीर निमोनिया हो सकता है। मेडिकल कॉलेज से लेकर स्वास्थ्य विभाग तक में अलर्ट जारी किया गया है।
चिकित्सकों ने मुर्गीपालन केंद्रों एवं पक्षियों से दूर रहने की सलाह दी है। चिकित्सकों ने मीट बाजार से भी दूरी बनाने को कहा है। डॉक्टर वेद प्रकाश ने पक्षियों खासकर मुर्गा का मीट खाने से बचने के लिए कहा है।
मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलोजिस्ट डॉक्टर अमित गर्ग के अनुसार स्वाइन फ्लू में एच1 एन1 वायरस होता है जबकि बर्ड फ्लू में एच5एन1 है।
ये दोनों वायरस मनुष्यों में संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि बर्ड फ्लू होने की आशंका कम होती है लेकिन सर्दी, जुकाम, खांसी और वायरल बुखारों वाले मौसम में समान लक्षणों की वजह से इस बीमारी की पहचान करने में देरी हो सकती है। यह वायरस सांस की नलिकाओं में सूजन और गंभीर निमोनिया बनाता है। पक्षियों से यह वायरस मनुष्यों में संक्रमित हो सकता है।
डॉक्टर वेद प्रकाश का कहना है कि मास्क स्वाइन फ्लू और बर्ड फ्लू से भी बचाव करेगा। उन्होंने बताया कि यह वायरस सांस एवं मुंह के रास्ते शरीर के भीतर प्रवेश करता है। मेडिकल कालेज में बर्ड फ्लू के जांच की सुविधा भी नहीं है, ऐसे में बीमारी को पकड़ने में चूक हो सकती है। प्रशासन की रिपोर्ट के मुबिक वन विभाग, स्वास्थ्य विभाग के साथ ही पशुपालन विभाग की टीमें भी बर्ड फ्लू के संक्रमण को रोकने की तैयारी में जुटी हैं।
बता दें कि पड़ोसी राज्य हरियाणा में बड़ी संख्या में कौवे मरे हुए मिले हैं। वन संरक्षक गंगा प्रसाद ने बताया कि हस्तिनापुर वन्य जीव सेंचुरी से लेकर दलदली क्षेत्रों में टीमें गश्त करते हुए पक्षियों पर नजर रख रही हैं। हस्तिनापुर सेंचुरी में जाने वाले पर्यटकों के रजिस्ट्रेशन भी कैसिल कर दिए गए हैं। पशु पालन विभाग की टीम पूरी तरह से स्थिति पर नजर रखे हुए है।