Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Coronavirus से 13 अप्रैल तक ज्यादा खतरा, सूर्य के अपनी राशि के नक्षत्र में गोचर पर मिलेगी उपलब्धि

Highlights कोरोना वायरस के संक्रमण पर ज्योतिषाचार्यों का है कहना 26 दिसंबर 2019 के सूर्य ग्रहण से हुई कोरोना की शुरूआत 13 अप्रैल 2020 तक अधिक सावधानी बरतने की जरूरत  

2 min read
Google source verification
meerut

मेरठ। ग्रह दशाओं के अनुसार सात्विक शक्तियां सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति कमजोर अवस्था में जब-जब आते है, धर्म की हानि होती है। संसार में जनमानस के सामने विकट स्थिति उत्पन्न होती है। ज्योतिषाचार्य पंडित राजेश शर्मा कहते हैं कि ऐसे ही दृष्टि से कोरोना वायरस जैसे संकट उत्पन्न होते हैं। इस समय सात्विक शक्तियां सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति कमजोर अवस्था में गोचर कर रहे हैं। वर्तमान में ग्रहों का जो गोचर चल रहा है, उसके अनुसार 13 अप्रैल 2020 तक समय दुनिया के लिए ज्यादा सावधानी का सामना करना पडेगा। उसके बाद सूर्य दो सप्ताह के लिए स्थिति में काफी सुधार करेंगे।

यह भी पढ़ेंः 24 घंटे के भीतर पांच कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद इस शहर के हर गली-मोहल्ले को किया जा रहा सैनिटाइज

सूर्य ग्रहण से हुई कोरोना की शुरूआत

पंडित राजेश शर्मा कहते हैं कि इस कोरोना के चक्र की शुरुआत 26 दिसंबर 2019 के सूर्यग्रहण से हुई है। जब सूर्य, चंद्र और बृहस्पति ये तीनों ग्रह बुध के साथ मूल नक्षत्र में राहू, केतु और शनि ग्रसित थे। मूल का अर्थ जड़ होता है। इसे गंडातंका नक्षत्र कहा जाता है जो प्रलय दर्शाता है। उक्त सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर 2019 के ठीक 14 दिन बाद चंद्रग्रहण भी पड़ा। ये सभी ग्रह फिर से राहु, केतु और शनि से पीडि़त हुए। जैसे ही 15 जनवरी 2020 को केतु अपने मूल नक्षत्र में पहुंचा, कोरोना वायरस ने रंग पकडऩा शुरू कर दिया। यह वुहान से बाहर अन्य स्थानों पर भी फैलना शुरू हुआ। केतु 23 सितम्बर 2020 तक इसमें गोचर किया और यह समय एहतियात वाला था। राहु, सूर्य और चंद्र को नुकसान पहुंचाता है तो केतु नक्षत्रों को। राजेश शर्मा का कहना है कि इस पूरे समय में राहु प्रलय के नक्षत्र आद्रा में चल रहे हैं। 20 मई तक वह इसी नक्षत्र में रहेंगे। राशियों पर भी इसका अच्छा-बुरा प्रभाव दिखता है।

यह भी पढ़ेंः मेरठ के पहले कोरोना पॉजिटिव मरीज के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर, इलाके के हर घर जाकर टीम कर रही जांच

इसलिए मरीज ठीक भी हो रहे हैं

पंडित राजेश शर्मा कहते हैं कि आद्रा से गुजरकर राहु भाद्रपद की ऊर्जा को खराब करते हैं। यह अस्पताल के बेड और मरीज की शैया का प्रतीक है। वह इस सौरमंडल में ऊर्जा का स्रोत हैं। इसी वजह से बड़ी संख्या में मरीज ठीक भी हो रहे हैं। सूर्य की इस स्थिति की वजह से 31 मार्च से 13 अप्रैल 2020 तक सूर्य रेवती नक्षत्र में होंगे। यह मोक्ष का नक्षत्र है। यहां सूर्य कमजोर होंगे और संकट बड़ा रूप ले सकता है। मगर 14 अप्रैल से 27 अप्रैल तक वह अपनी उच्च राशि मेष के नक्षत्र अश्विनी से गोचर करेंगे। इस समय में कोई बड़ी उपलब्धि मिल सकती है।