उन्होंने बताया कि अगर दुनिया के कोरोना के आंकड़ों की बात करें तो इससे पता चलता है कि औसतन तीसरी लहर के चरम मामले दूसरी लहर के समय के चरम मामलों के लगभग 1.7 गुना हो सकते हैं। अभी तक देश में मात्र 5 फीसद आबादी को पूरी तरह से टीका लगाया गया है। जबकि 20 फीसद को पहली खुराक मिल चुकी है। दूसरे देशों की तुलना में यह बहुत कम है। ट्रेंड्स के आधार पर 21 अगस्त के बाद से मामले बढ़ना शुरू हो सकते हैं, जो कम से कम एक महीने बाद तक जब तक कि चरम पर न पहुंचे, वह बढ़ते रहेंगे।
बता दें कि इस समय डेल्टा प्लस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। महाराष्ट्र में मामलों ने फिर से तेजी पकड़नी शुरू कर दी है। यूपी के जिलों में भी नए मामले मिले हैं। वहीं मेरठ में आने वाले हर कोरोना मरीज की जांच अब डेल्टा प्लस के रूप में कराई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने अगामी चुनौती को लेकर पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं।