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भाजपाइयों ने 150 किलोमीटर लंबी कमल संदेश यात्रा से लोगों को दिया ये संदेश, देखें वीडियो गोपनीय सूचना लीक करने के आरोप वर्तमान में मेरठ की सिग्नल रेजीमेंट में सिग्नलमैन पद पर तैनात रहे कंचन सिंह पर आर्इएसआर्इ एजेंट के जरिए सेना की गोपनीय सूचनाएं लीक करने का आरोप है। वेस्टर्न कमांड चंडीगढ़ ने इसके इनपुट मिलने के बाद उस पर निगरानी रखनी शुरू की तो ये बात सामने आयी थी। कंचन सिंह की गिरफ्तारी के बाद मेरठ आैर चंडीगढ़ के सैन्य अफसर उससे कर्इ दौर में पूछताछ कर चुके हैं। अब चंडीगढ़ में कोर्ट आफ इन्क्वायरी शुरू हो चुकी है। कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू होने के बाद उसे मेरठ लाया जाएगा। यहां उस पर आरोप तय किए जाएंगे। कोर्ट मार्शल के बाद उसको मेरठ में पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में दो से तीन महीने का समय लग सकता है।
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नए साल में कलेंडर आैर डायरी जेब पर पड़ने जा रहे हैं भारी, जानिए इसके पीछे की बड़ी वजह, देखें वीडियो ढार्इ साल से था मेरठ में उत्तराखंड के बागेश्वर क गांव गढ़िया निवासी फौजी कंचन सिंह का 2011 को हल्द्वानी में सेना में रिक्रूटमेंट हुआ था। दो साल की ट्रेनिंग के बाद उसकी सबसे पहली तैनाती अरुणाचल प्रदेश में हुर्इ थी। पिछले ढार्इ साल से वह मेरठ की सिग्नल रेजीमेंट में सिग्नलमैन के पद पर तैनात था। वेस्टर्न कमांड चंडीगढ़ ने सूचनाआें के आधार पर इसी साल उस पर निगरानी रखनी शुरू की थी। इसी में सैन्य अफसरों को पता चला कि वह सेना की गोपनीय जानकारी पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आर्इएसआर्इ को दे रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उसकी गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में अब कोर्ट आफ इन्क्वायरी शुरू की गर्इ।