मेरठ

मेरठ में खतरे में एमडी समीकरण, बसपा सांसद के खौफ से दलित डॉक्टर ने छोड़ा कस्बा

एक दिन पहले सांसद और पूर्व चेयरमैन समर्थकों में हुई थी फायरिंग

मेरठDec 07, 2017 / 07:13 pm

Iftekhar

मेरठ. जिले में मुस्लिम और दलित (एमडी) समीकरण से बसपा के मेयर चुनकर आते ही जिले में मुसलमानों और दलितों के बीच खाई पैदा करने कोशिश तेज हो गई है। इसके लिए निशाना बना संवेदनशील माने जाने वाले किठौर कस्बा। यहां एक दुकान को लेकर शुरू हुए विवाद को राजनीतक रूप देते हुए दलित और मुसलमानों का मुद्दा बना दिया गया है। यानी मेरठ में एमडी समीकरण फलने-फूलने से पहले ही दम तोड़ता नजर आ रहा है। मेरठ जिले के संवेदनशील कस्बों में से एक किठौर बुधवार को गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा था। गोलियां चलने की सूचना पर पुलिस और प्रशासन के आलाधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। आलाधिकारियों से आदेश मिलते ही पुलिस की तमाम गाड़ियां कस्बा किठौर की तरफ भागी। थाना किठौर की पुलिस से मामला सम्भला नहीं और जब तक अन्य थानों का फोर्स घटनास्थल पर पहुंचता, तब तक काफी देर हो चुकी थी। एक दुकान को लेकर शुरू हुए विवाद ने खूरी रूप अख्तियार कर लिया था। मामला यहीं पर नहीं खत्म हुआ। बवाल के बाद बसपा सांसद मुनकाद अली के समर्थकों ने हाथ में लाठी-डंडे और हथियारों के साथ कस्बे में क्लीनिक करने वाले एक दलित डॉक्टर वीर सिंह के क्लीनिक पर धावा बोल दिया। बताया जाता है कि चिकित्सक को पकड़कर बसपा सांसद समर्थकों ने मारपीट भी की और जाति संबंधी शब्दों से अपमानित करते हुए उसे किठौर में न रहने का हुक्म दे दिया। इस घटना से आतंकित दलित चिकित्सक ने शाम तक अपने परिवार सहित किठौर कस्बा छोड़ दिया। हालांकि, इस बारे में एसपी देहात राजेश कुमार का कहना है कि चिकित्सक की ओर से उस पर हमले की कोई तहरीर थाने में नहीं आई है। चिकित्सक उनसे आकर मिले उसको हर संभव पुलिस मदद दी जाएगी।

डॉ. वीर सिंह की क्लीनिक बसपा सांसद मुनकाद अली के निवास से चंद कदम की दूरी पर है। चिकित्सक के पुत्र सतेन्द्र ने पत्रिका को फोन पर जानकारी दी कि वह अपने पिता वीर सिंह और भाई डा. जनेन्द्र कुमार के साथ क्लीनिक पर बैठे थे। इसी दौरान बसपा सांसद मुनकाद अली के समर्थकों ने हाथ में हथियार लेकर क्लीनिक पर हमला कर दिया। सतेन्द्र और अन्य ने छत से कूदकर अपनी जान बचाई। उनके पिता डा. वीर सिंह को आरोपियों ने पकड़कर पीटा और कस्बे में क्लीनिक चलाने पर जान से मारने की धमकी दी। हमलावरों ने घर में भी तोड़फोड़ की और महिलाओं से गाली-गलौज की।

आरोप है कि चेयरमैन के चुनाव के बाद से ही सांसद समर्थक उन पर हमले का बहाना तलाश रहे थे। हमले से दहशत में आए दलित चिकित्सक ने अपने रिश्तेदार स्वराज, निरंजन, राकेश और मुकेश सहित अपना मकान बेचकर कस्बे से अन्य स्थान पर चला गया।

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