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दलित समाज ने मोदी और योगी को दी खुली चेतावनी, मांगें नहीं मानी तो नहीं मनाएंगे दीपावली, देखें वीडियो

locationमेरठPublished: Oct 12, 2019 06:38:42 pm

Submitted by:

sanjay sharma

Highlights

दलित समाज का कमिश्नरी पर जोरदार प्रदर्शन
60 प्रतिशत की अनिवार्यता खत्म करने की मांग
दीपावली से पहले मांग मानने की बात कही

meerut
मेरठ। एससी-एसटी छात्रों के लिए व्यवसायिक शिक्षा में छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए कक्षा 12 में 60 प्रतिशत की बाध्यता के सरकार के फैसले के खिलाफ दलित समाज में रोष है। दलित संगठनों ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दलित संगठनों ने इसको दलित विरोधी करार दिया है।
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शनिवार को मेरठ कमिश्नरी पर ब्लू पेंथर संगठन के बैनर सैकड़ों की संख्या में दलित समाज के लोग एकत्र हुए। संगठन के डा. सुशील गौतम ने कहा कि सरकार द्वारा एससी-एसटी छात्रों के लिए व्यवसायिक शिक्षा में छात्रवृत्ति तथा शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए 60 प्रतिशत की बाध्यता का जो फैसला लिया गया है, वह समाज के बच्चों के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण तथा विरोधी है। इस निर्णय से एससी-एसटी छात्रों में सरकार के खिलाफ बहुत रोष है। उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा देती है, साथ ही ऐसे फैसले लाती है, जिसमें एससी-एसटी बेटियों को व्यवसायिक शिक्षा से दूर कर उनको राष्ट्र के विकास की भागीदारी में उनका योगदान कम किया जा सके। आनंद प्रकाश ने कहा कि सरकार के द्वारा जिस प्रकार निजी क्षेत्र को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस क्षेत्र में अधिकतम रोजगार व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद ही प्राप्त होता है। किन्तु सरकार के इस फैसले से एससी-एसटी वर्ग के छात्र व्यवसायिक शिक्षा से वंचित हो जाएंगे। जिससे उनको निजी क्षेत्र में रोजगार पाना असंभव हो जाएगाा।
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दलित चिंतक डा. सतीश प्रकाश ने मोदी और योगी को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने अपने इस फैसले को दीपावली तक वापस नहीं लिया तो दलित समाज दीपावली नहीं मनाएगा। दलित समाज सैकड़ों साल से संघर्ष करता रहा है। आज भी अपने हक के लिए सड़क पर उतरकर संघर्ष करेगा। उन्होंने कहा कि हम डा. भीमराव अंबेडकर के अनुयायी हैं। उनके पदचिन्हों पर चल रहे हैं। सरकार दलितों को कुचलने का षडयंत्र रच रही है।
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