यह भी पढ़ेंः #Bitiyaatwork: मां के साथ बेटी जब ऑफिस पहुंची तो बोली ये बड़ी बात मां के सपनों को करना है पूरा आज के अभिभावक अपनी बेटी को उनके सपने पूरा करने के साथ उन्हें स्वावलंबी और अपने पैरों पर खड़ा होने की शिक्षा दे रहे हैं। इन अभिभावकों में महिलाओं की संख्या अधिक है, जो अपनी बेटियों को अभी से अपने व्यापार में भी साझा कर रही हैं। डाटर्स डे पर हमने एक ऐसी ही मां और बेटी से बात की। जो 21वीं सदी में मां-बेटी के रिश्तों को नया आयाम दे रही हैं। मां संगीता अपनी बेटी को किसी बेटे से कम नहीं समझती और बेटी आरोही भी मां के सपनों को पूरा करने के लिए पढ़ार्इ के साथ उसके बिजनेस में भी हाथ बंटा रही है। बेटी आरोही कक्षा 12 की छात्रा हैं। उसके इस बार बोर्ड के एक्जाम हैं, लेकिन वह पढ़ार्इ के साथ मां के व्यापार में समय देने से भी नहीं चूकती। आरोही कहती हैं कि उनकी मां का बुटीक सेंटर हैं। वह मां के बिजनेस में बराबर का साथ देती है। वह आनलाइन आर्डर लेती हैं और उनको आनलाइन सेल भी करने का काम करती है। पूरा बिजनेस दोनों मां-बेटी घर से ही चलाती है। वह बिजनेस को बढ़ाकर मां का सपना पूरा करना चाहती है। मां संगीता का कहना है कि वह अपनी बेटी को किसी का मोहताज नहीं बनाना चाहती। हमारा बिजनेस बिटिया संभाल रही है और इसे एक दिन ये तरक्की की ऊंचाइयों पर लेकर जाएगी। इसलिए आरोही को प्रतिदिन दिन में पढ़ार्इ के बाद रात को जो भी समय मिलता है आनलाइन बिजनेस को देती है। मां अपनी बेटी को अपडेट भी रखती हैं।
यह भी पढ़ेंः #Bitiyaatwork: मां के साथ बेटी जब ऑफिस पहुंची तो बोली ये बड़ी बात मां ने सराहा यह अभियान मां संगीता ने ‘पत्रिका’ के इस अभियान को सराहा। उन्होंने सभी अभिभावकों से अपनी बेटी आगे बढ़ाने की अपील ‘पत्रिका’ के माध्यम से की है, ताकि उनकी बेटियां भी आत्मनिर्भर बन सकें।