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International Women’s Day: पिंक मैराथन में हजारों महिलाओं ने लगाई दौड़ इस दौरान निगहत सैयद ने कहा कि आजादी के बाद से आज तक प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं का विशेष योगदान रहा है। हिंदू और मुस्लिम महिलाओं ने समाज के प्रत्येक क्षेत्र में अपना विशेष योगदान किया है। आजादी के दौरान चांद बीबी रही हों या फिर लखनऊ की बेगम हजरत महल। इन सभी महिलाओं की भागीदारी और कुर्बानियों के कारण हम आज आजाद भारत में सांस ले रहे हैं। छात्रा शबाना ने कहा कि जहां नारी का सम्मान किया जाता है, वहां पर भगवान और अल्लाह निवास करते हैं।
समाज सेवी और मुस्लिम महिलाओं के हितों के लिए काम कर रही शबाना परवीन ने कहा कि आज नारी किसी परिचय की मोहताज नहीं है। हम दूसरी महिलाओं को अपना आदर्श समझते हैं, लेकिन हर महिला का आदर्श तो उसकी मां ही होती है। मां ही वह पहली नारी होती है, जो नारी को सभ्यता का पहला पाठ पढ़ाती है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज में भी आज पढ़ी-लिखी महिलाएं देश का नाम रोशन कर रही हैं। चाहे वो साइना नेहवाल हो या फिर बीबी जहांआरा सभी ने देश का नाम रोशन किया है। कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य डाॅ. दिनेश चंद्र ने अंत में कहा कि महिलाओं का सम्मान प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य बनता है। आखिर हम सिर्फ एक दिन ही क्यों महिला दिवस मनाते हैं। महिला दिवस तो प्रत्येक दिन मनाना चाहिए। वहीं शताक्षी ने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई हो या फिर समाज का कोई भी क्षेत्र हर जगह महिलाओं ने अपना लोहा मनवाया है।